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पर्यावरण बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर में बदला बीआरटीएस

पिंक बस: महिलाओं पर फोकस
बीआरटीएस कॉरिडोर की महिला पैसेंजर खास तौर पर इस बात से भी खुश हैं कि उनकी यात्रा सुखद और सुविधाजनक होने के साथ ही सुरक्षित भी है। बीते महीने से अब इस रूट पर पहली इलेक्ट्रिक पिंक बस चलाई जा रही है जिसकी सवारियां, ड्राइवर और कंडक्टर सभी महिलाएं हैं। पिंक बस की शुरूआत जून 2021 में हो गई थी, लेकिन तब यह डीजल से चलती थी। पिंक बस की ड्राइवर निशा शर्मा का कहना है, पिंक बस में महिलाओं को बस चलाते देख साथी पैसेंजर महिलाएं सुरक्षित और प्रसन्न महसूस करती हैं। हालांकि मैंने पुरुषों और महिलाओं के लिए चलने वाली ब्लू बस भी चलाई है।
कुछ पुरुष भी हैं जो हमें बस चलाते देख कर खुश होते हैं। इंदौर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट के संचालन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हम पूरा प्रयास करते हैं। बीआरटीएस कॉरिडोर पर सिटी बस संचालन में सबसे पहले हमने टिकट विंडो पर महिलाओं को नियुक्त किया। इसके बाद महिलाओं को बस ड्राइवर, कंडक्टर के रूप में अपने साथ जोड़ा।
एक्सपर्ट – ई-बसें पर्यावरण हितैषी साबित होंगी : डब्ल्यूआरआई इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि इंदौर की वायु गुणवत्ता पर हुई क्लीन एयर कैटलिस्ट की स्टडी में पाया गया है कि डीजल-पेट्रोल के वाहनों का धुआं वायु प्रदूषण के बड़े कारणों में से एक है। शहर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए वाहनों के प्रदूषण से निजात पाना जरूरी है।

150 बसें केंद्र सरकार से मिलेंगी शहर में 4 साल पहले 40 इलेक्ट्रिक बसों के साथ हुई क्लीन एनर्जी की शुरूआत राज्य सरकार से 80 बसों की मंजूरी हुई। उसमें से पहले चरण में 30 बसें मिली। 150 इलेक्ट्रिक बसों की मंजूरी केंद्र सरकार से मिल चुकी है लेकिन बताया जा रहा है कि इन बसों को आने में कम से कम सालभर का समय लगना तय है। इसी बीच एआईसीटीएसएल कंपनी खुद भी अन्य शहरों के लिए 26 नई बसें खरीदने जा रही है जिसका टेंडर मई में खोला जाएगा। वर्ष 2019 में 40 इलेक्ट्रिक बसों के साथ क्लीन एनर्जी के उपयोग की शुरूआत हुई थी। इनमें 60% यात्री युवा और 49 % महिलाएं हैं। कुछ ही दिनों 50 नई इलेक्ट्रिक बसें जल्द ही मिलने वाली हैं। प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत 150 इलेक्ट्रिक बसें मिलने वाली हैं।
एआईसीटीएसएल का दावा- 100 फीसदी ग्रीन मोबिलिटी फ्रेंडली कॉरिडोर है
एआईसीटीएसएल के सीईओ और अपर आयुक्त मनोज पाठक बताते हैं कि 15 मार्च 2024 से बीआरटीएस 100 प्रतिशत ग्रीन मोबिलिटी फ्रेंडली कॉरिडोर है। गौरतलब है कि सीएसी के सहयोग से हुए कामकाजी महिलाओं हुए एक अन्य अध्ययन में 76.7% कामकाजी महिलाएं वायु प्रदूषण के कारण विभिन्न समस्याओं का सामना कर रही हैं। वाहनों के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन डाइआॅक्साइड, सल्फर डाइआॅक्साइड, कार्बन डाइआॅक्साइड जैसी गैसें हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक हैं।

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