नगर निगम में हुए करोड़ों के फर्जी बील घोटाले में एमजी रोड पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी अभय राठौर और मोहम्मद सिद्धिक को बुधवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगा था । कोर्ट ने दोनों आरोपियों का 17 मई तक का रिमांड स्वीकृत किया है।
पुलिस के अनुसार आरोपी राठौर ने घोटाले का अधिकांश पैसा जमीन व प्रॉपर्टी में लगाया है। इन सभी की तस्दीक के लिए टीमें जांच कर रही हैं। वहीं घोटाले में शासन की ओर से सस्पेंड किए गए लोकल आॅडिट फंड विभाग में पदस्थ चारों अधिकारी की भूमिका भी जांच रहे हैं। यदि इनके खिलाफ साक्ष्य मिले तो उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।
वहीं नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले में अब निगम के भ्रष्ट बेलदार असलम के रिश्तेदारों की लिंक भी जुड़ी मिली है। घोटाले में बुधवार को दो नई फर्म के नाम सामने आए। इन फर्म ने भी इसी तरह ड्रेनेज के कामों के एवज में करोड़ों का भुगतान ले लिया। जांच में शंका होने पर 39 फाइलों को ड्रेनेज शाखा को भेजा गया है। इन फाइलों पर 3 करोड़ रुपए भुगतान लिए जाने की बात कही जा रही है।
प्रारंभिक रूप से जानकारी सामने आई है कि इनमें भी फर्जी वर्क आॅर्डर नंबर और आवक जावक नंबर इस्तेमाल किए गए हैं। यह दोनों फर्म आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित रह चुके बेलदार असलम के रिश्तेदारों की है।
पुष्टि करते हुए निगम के अधिकारियों ने बताया कि दो फर्म डायमंड एसोसिएट और कॉस्मो इंजीनियरिंग की फाइलें जांच के लिए ड्रेनेज विभाग को दी गई हैं। इनके प्रोपराइटर ऐतहाशमास खान और जाहिद खान हैं। दोनों ही फर्म के एड्रेस माणिक बाग में अशोका कॉलोनी के हैं। इसके पहले ईश्वर और क्रिस्टल फर्म का नाम सामने आ चुका है।
इसमें से क्रिस्टल का संचालक इमरान खान है। वह भी असलम का ही रिश्तेदार बताया जा रहा है। असलम निगम में नक्शा विभाग में रहा और वहां नक्शा पास करवाने और उसके एवज में पैसा लेने के मामले में उस पर ईडी की कार्रवाई हो चुकी है। असलम की संपत्तियों को अटैच भी किया गया।