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Video: नीरज चोपड़ा का वह थ्रो, जिसके दम पर बने विश्व विजेता; देखें कैसे 88.17 मीटर दूर भाला फेंक रचा इतिहास

नीरज ने एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है। बुडापेस्ट में उन्होंने 88.17 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पाकिस्तान के नदीम दूसरे स्थान पर रहे।

नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय हैं। नीरज की इस उपलब्धि पर पूरा देश खुशी से झूम रहा है। नीरज ने 88.17 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने बुडापेस्ट में आधी रात को स्वर्ण पदक जीता और देशवासियों को उनसे यही उम्मीद थी। इसी वजह से बड़ी संख्या में लोग नीरज को देखने के लिए रात में भी जगे हुए थे। नीरज ने पदक जीतने के बाद इन सभी लोगों का शुक्रिया भी अदा किया। वहीं, कई लोगों को अगले दिन सुबह यह खबर मिली और उनके दिन की स्वर्णिम शुरुआत हुई। यहां हम नीरज का वह थ्रो दिखा रहे हैं, जिसमें उन्होंने 88.17 मीटर की दूरी हासिल की और विश्व विजेता बने।

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अरशद नदीम दूसरे स्थान पर रहे। राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन अरशद नदीम ने 87.82 मीटर के साथ रजत पदक जीता, जबकि चेक गणराज्य के जैकब वडलेज ने 86.67 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया।

90 मीटर का आंकड़ा छूना चाहते हैं नीरज
बुडापेस्ट में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद नीरज थोड़े निराश लग रहे थे। उन्होंने कहा “मैं आज रात 90 मीटर से अधिक थ्रो करना चाहता था। लेकिन इसके लिए सब कुछ मेरे पक्ष में होना जरूरी है। मैं आज शाम सब कुछ एक साथ सही नहीं कर सका। शायद अगली बार ऐसा कर पाऊं। दूसरे राउंड के बाद, मैं खुद को आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मुझे बेहतर थ्रो मिल सकता है। लेकिन तकनीक और गति पर बहुत दबाव है। हमें क्वालिफाइंग राउंड में बहुत जोर लगाना होता है। क्वालिफाइंग राउंड के बाद रिकवरी के लिए केवल एक ही दिन था, इसलिए यह भी एक बड़ा कारक था। मैं आखिरी थ्रो तक खुद को आगे बढ़ाने और बेहतर थ्रो करने की प्रेरणा के साथ आगे बढ़ता हूं।”

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