अयोध्या में एक ने मंदिर निर्माण शुरू कराया तो कर्नाटक के योगीराज तराशेंगे राम दरबार की मूर्तिंयां
राम मंदिर में कर्नाटक से आई श्यामशिला से ही रामलला की मूर्ति बनेगी। मूर्ति में भगवान पांच साल की आयु के दिखेंगे। मुख पर मधुर मुस्कान भाव और खड़े मुद्रा में हाथ में धनुष लिए रहेंगे। मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज भगवान रामलला की दिव्य मूर्ति तराशेंगे। इस बात की पुष्टि मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक के बाद हुई। अब ट्रस्ट ने ज्योतिष विद्वानों से राय लेकर भगवान को विराजमान कराने की तिथि पर मंथन शुरू कर दिया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पेजावरमठ की शाखा मंगलम में दो दिवसीय बैठक की गई। मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक का समापन हुआ। बैठक के बाद ट्रस्ट के सदस्य बैउडुप्पी पीठाधीश्वर प्रसन्नाचार्य ने बताया कि मंगलवार को बैठक से पहले मंदिर निर्माण कार्य देखा गया। जून तक मंदिर की छत डाले जाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में सूर्य के उत्तरायण आते ही कराए जाने के लिए ज्योतिषचार्य विद्वानों से तिथि पर मंथन किया जा रहा है। इस दौरान किस प्रकार के उत्सव होंगे। इसकी तैयारी मई माह में होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। मूर्ति बनाने के लिए सभी चित्रों को एकत्र करके फाइनल कर दिया गया है। कर्नाटक के कारकर और हिग्रेवनकोटे गांव से आई श्याम शिलाओं से मूर्ति बनाने का कार्य किया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि एक प्रकार यह ट्रस्टियों का सामूहिक मिलन था। मंदिर निर्माण के संबंध में उनको जानकारी दी गई। साथ ही उनके विचार भी सुने गए। राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान क्या-क्या किया जा सकता है इस पर लोगों ने अपनी बातें रखी है। यह एक अनौपचारिक मिलन था। बैठक में ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल, अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र, डॉ. अनिल मिश्रा, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि भी जुड़े रहे।
केदारनाथ में शंकराचार्य की मूर्ति भी बनाई
केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची प्रतिमा भी तैयार की थी, जिसका अनावरण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की प्रतिमा और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की आदमकद सफेद संगमरमर की प्रतिमा भी उन्होंने बनाई है।
अस्थायी आॅफिस के लिए मंगाए तीन कंटेनर : ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर और रामसेवकपुरम में अस्थायी आॅफिस बनेगा। इसके लिए तीन आॅफिस कंटेनर मंगाए गए हैं, ताकि वहां होने वाले कार्यों को लेकर बैठक की जा सके। भूतल को तैयार करने के बाद ही प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जाएगी। उसके बाद मंदिर के प्रथम और द्वितीय तल का निर्माण होता रहेगा। उन्होंने बताया कि एक्सपर्ट्स के द्वारा श्याम शिलाओं का टेस्ट भी किया गया है।