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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बढ़ा भारतीय सेना का मनोबल : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है। सेना को नवीन तकनीक के नवीनतम हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 ईएमई सेंटर भोपाल में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा जब भी मौका पड़ा आप सभी ने वीरता और शौर्य का परिचय देकर रक्षा की है। डॉ. यादव ने भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिकों के अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदेश की जनता की ओर से अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। यहां सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी। शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रुपए और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है।
नौकरियों में आरक्षण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा किप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल एजुकेशन, लॉ सहित विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों के ग्रुप सी एवं डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण के साथ जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 स्तर पर कर्मचारियों के पदों में वृद्धि करने कानिर्णय लिया गया है। शासन की योजनाओं के अंतर्गत जमीन के लिए सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।
भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान, अनुभव जरूरी : सिंह

सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टीनेन्ट जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हमेशा सकारात्मक मानसिकता, कल्याणकारी कार्य को सदैव हां और करने को तत्पर रहते हैं। सिंह ने सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया।
परिजन का किया सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों का सम्मान किया। उन्होंने नं. 561 सिपाही स्व. मुशीर अहमद की पत्नी फातमा बी, नं. 2659 सिपाही स्व. मो. सईद खान की पत्नी रईसा बेगम और नं. 451 सिपाही मो. सरीफ की पत्नी नफीसा बी का सम्मान कर उनका आशीर्वाद भी लिया। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल की अमर शहीदों के परिजन को भी सम्मानित किया। सम्मानित हुए परिजनों में कैप्टन स्व. देवाशीष शर्मा, कीर्तिचक्र (मरणोपरान्त) की माताजी निर्मला शर्मा, मेजर स्व. अजय कुमार, सेना मेडल (मरणोपरान्त) के पिता आर.एन. प्रसाद, ग्रुप केप्टन स्व. वरुण सिंह, (शौर्यचक्र) के पिता सेवानिवृत्त कर्नल के.पी. सिंह, सीएफएन स्व. रामस्वरूप की पत्नी सविता देवी, सिगनलमेन स्व. रमेश कुमार की पत्नी लक्ष्मीबाई और नायक स्व. दिनेश चंद्र की पत्नी गुनमाला देवी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद सैनिकों के बलिदान, देश के प्रति सेवा और समर्पण को सदैव स्मरण किया जाएगा।
एड. त्रिपाठी ने किया सीएम डॉ. यादव का सम्मान
भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सेना के शौर्य का प्रतीक स्मृति-चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से उतरे और जवानों से मिले। उनका उत्साहवर्धन किया और जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी ली। इस अवसर पर सेना के अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और उनके परिजन उपस्थित थे।

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सीआरपीएफ स्कूल ब्लास्ट में खालिस्तान आॅपरेटिव्स का हाथ!

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-14 के प्रशांत विहार इलाके में रविवार की सुबह 30 सेकेंड में जो कुछ हुआ, उससे देश की राजधानी दहल गई। बम धमाके की तीव्रता का अंदाजा सामने आए एक नए वीडियो से लगाया जा सकता है। दूसरी तरफ पाकिस्तान से चलने वाले कुछ टेलिग्राम चैनलों पर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के पीछे खालिस्तान आॅपरेटिव्स का हाथ होने का दावा किया है।
सबसे पहले टेलीग्राम चैनल जस्टिस लीग इंडिया पर सीसीटीवी डालकर बम धमाके का दावा किया गया। मैसेज को पाकिस्तान से चैनल वाले कई टेलीग्राम चैनल पर सर्कुलेट किया गया। ये वो तमाम टेलीग्राम चैनल हैं, जो ज्यादातर कश्मीर में होने वाले आतंकी गतिविधियों की टीआरएफ की अपडेट्स शेयर करते हैं। आईएसआई हैंडलर के जरिए कश्मीर जिहाद से जुड़े टेलिग्राम चैनलों पर दिल्ली बम ब्लास्ट में खालिस्तान समर्थकों का हाथ होने का इशारा किया गया है।
धमाके के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, एफएसएल, सीआरपीएफ, एनएसजी और एनआईए के अफसर जांच करने में जुट गए। बारीकी से एक एक सबूत को इक्ट्ठा किया गया। हर एंगल से ब्लास्ट की इंटेंसिटी को चेक किया गया। इस धमाके बाद मौके पर एक दीवार से सफेद पाउडर के अवशेष मिले हैं। दिल्ली पुलिस एंटी टेरर यूनिट के साथ मिलकर इलाके के सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, साथ ही सीआरपीएफ स्कूल के आसपास के हजारों मोबाइल नंबरों को चेक किया जा रहा है।
धमाके का सीसीटीवी आया सामने- घटना से ठीक पहले का सीसीटीवी सामने आया है, जो बेहद डराने वाला है। जिस दुकान के सीसीटीवी में धमाके की तस्वीरें कैद हुईं… धमाके के बाद दुकान के बोर्ड से लेकर अंदर तक सारा सामान तहस-नहस हो गया। यहां तक कि दीवार में लगा सीसीटीवी भी लटक गए। धमाका इतना तेज था कि 2 किलोमीटर तक का इलाका हिल गया। जिस वक्त ये घटना हुई, उस वक्त वहां पर दो गाड़ियां खड़ी थीं और धमाके से महज 3 सेकेंड पहले एक शख्स स्कूटर से गुजरता दिख रहा है। आवाज सुनकर लोग अपने घरों से बाहर निकले तो उनके सामने एक अलग ही मंजर था। पूरे इलाके में सफेद धुएं का गुबार था।

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बरेली कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला…रेप के झूठे आरोप में लड़के ने काटी 4 साल की सजा, अब उतने दिन जेल में रहेगी लड़की

बरेली से ऐसा मामला सामने आया, जिसे देखकर अदालत भी हैरान रह गई। महिलाओं से अत्याचार में फंसे एक पुरुष को बिना किसी कारण बिना किसी गलती के 4 साल की जेल की सजा काटनी पड़ी। इस बात का पता कभी नहीं लगता, अगर झूठा आरोप लगाने वाली लड़की अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी गवाही से न मुकरती। मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया। कहा कि जितने दिन युवक जेल में रहा है, उतने दिन तुम्हें भी रहना होगा।
कोर्ट ने कहा कि बेगुनाह युवक को झूठे आरोप में फंसाया गया… जो सही नहीं है, इसीलिए झूठे आरोप लगाने वाली लड़की को भी उतने साल की सजा दी जाती है, जितनी सजा बिना किसी अपराध के युवक काट चुका है। कोर्ट ने कहा युवक जेल के बाहर रहता तो मजदूरी करते हुए इतने समय में 5,88,000 से अधिक रुपए कमा लेता, इसीलिए युवती से यह रकम वसूल करके युवक को दी जाए। रकम न देने पर युवती को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भी होगी।
रोते-रोते युवक ने
सुनाई आपबीती
पीड़ित युवक अजय उर्फ राघव ने बताया- 2019 में सावन का प्रोग्राम चल रहा था, तब युवती की बड़ी बहन नीतू मेरे पास प्रोग्राम के लिए आई थी। इन्होंने कहा कि हमें प्रोग्राम सिखाएं। हम इसके लिए इनके घर पर जाते थे। जहां भी हम प्रोग्राम में जाते थे… नीतू के पति साथ में रहते थे। उसके मां और भाई भी जानते हैं कि हम यहां आते-जाते हैं। हम इनके घर पर बताकर गए थे कि हमारी मम्मी की तबीयत खराब है। उसी दिन यह गायब हो गई। बाद में कहा कि हम उस दिन अजय के साथ थे। मुझ पर अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। मेरा नाम बदनाम किया। मेरा कॅरियर खराब किया। अब मैं कहीं जाता हूं तो लोग शक की निगाह से देखते हैं। अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। भले अदालत ने मुझे दोषमुक्त कर दिया है, लेकिन लड़की के झूठे आरोप कभी भी मिटाए नहीं मिट सकेंगे।
पहले बोली अनपढ़ हूं… फिर अंग्रेजी में किए साइन
अदालत में गवाही के दौरान युवती मुकर गई। पहले उसने कहा- वह अनपढ़ है। जैसे ही साइन करने की बारी आई तो उसने इंग्लिश में साइन किए, जो देखकर जज साहब समझ गए… युवती झूठी है। जानबूझकर फंसाना चाहती है। पूरे मामले में झूठी गवाही देने के लिए युवती पर मुकदमा दर्ज किया गया।
‘पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं’
अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा- इस तरह की महिलाओं के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है, जो बेहद गंभीर व चिंताजनक है। अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस व कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है। महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती।

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सिनवार की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने दी धमकीह्यइजरायल के साथ और तेज होगी जंगह्ण

इजरायल ने बीते साल सात अक्टूबर को हुए आतंकी हमले का बदला ले लिया है। इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के बाद अब हमास नेता याह्या सिनवार को भी ढेर कर दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास चीफ याह्या सिनवार के मारे जाने की अधिकारिक पुष्टि की है। एक बयान में इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने ‘याह्या सिनवार’ को खात्म कर दिया है। सिनवार की मौत के बाद आतंकी समूह हिजबुल्लाह भी भड़क गया है। हिजबुल्लाह की तरफ से कहा गया है कि वह इजरायल के खिलाफ अपने युद्ध में एक नए और उग्र चरण की ओर बढ़ रहा है, जबकि ईरान ने कहा कि हमास नेता याह्या सिनवार की हत्या के बाद प्रतिरोध की भावना मजबूत होगी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह भी कहा है कि इजरायल ने उस व्यक्ति से अपना हिसाब चुकता कर लिया है, जिसने ‘होलोकॉस्ट’ (यहूदी नरसंहार) के बाद हमारे लोगों के इतिहास में सबसे भीषण नरसंहार को अंजाम दिया। नेतन्याहू ने कहा कि हमास नेता याह्या सिनवार की हत्या गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को वापस लाने के लिए युद्ध में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

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AIUDF प्रमुख बदरूद्दीन का दावा, कांग्रेस ने मांगे सबूत, दिल्ली वक्फ ने किया खारिज

आॅल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (अकवऊऋ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि दिल्ली का संसद भवन और एयरपोर्ट जिस जमीन पर बना है, वह वक्फ बोर्ड की मिल्कियत है। कांग्रेस ने जहां बदरुद्दीन से सबूत मांगे, वहीं दिल्ली वक्‍फ बोर्ड ने बदरुद्दीन अजमल के दावे को नकार दिया। असम में जमीयत उलमा द्वारा आयोजित एक बैठक में एआईयूडीएफ नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने वक्फ संपत्तियों के मामले में सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने वक्फ बिल के खिलाफ बोलते हुए कहा कि नई संसद ही वक्फ की जमीन पर है, जो देने के बजाय सरकार बोर्ड की 9.7 लाख बीघा जमीन हड़पना चाहती है। ये जमीन मुसलमानों को सौंपी जाना चाहिए, ताकि हम समाज के लिए शिक्षा, हेल्थ और अनाथालय का इंतजाम हम खुद कर सकें। अजमल के इस बयान पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अगर उनके पास अपने दावे को लेकर कोई सबूत हैं तो वो जेपीसी के सामने पेश करें। वक्फ बोर्ड का ये जरूर कहना है कि एयरपोर्ट को लेकर इतना जरूर सुना है कि एयरपोर्ट के आसपास मजार थी, जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर दावा किया जाता है, पर एयरपोर्ट वक्फ की जमीन पर बना है… इसका कोई डॉक्यूमेंट नहीं है।

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