हिन्दुस्तान मेल, इंदौर
वर्षा जल संचयन और जल बचत तकनीक पर इंदौर में रविवार को एक बेहद सार्थक परिचर्चा जैन इंजीनियरिंग सोसायटी के इंदौर चैप्टर द्वारा संतोष सभागृह में रखी गई थी, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि इंदौर जिलाधीश इलियाराजा टी एवं नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह की प्रभावी उपस्थिति ने तकनीकी के जानकारों के बीच प्रशासन का पक्ष और प्रभावी सहयोग की बात रखते हुए जैन इंजीनियर सोसायटी के प्रखर सहयोग की सराहना की।
प्रारंभ में जैन मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत जन-जन के कल्याण की जैन भावना के साथ की गई। इसके बाद प्राथमिकी सत्र में हर्षिका सिंह, आयुक्त इंदौर नगर पालिका निगम ने इंदौर शहर की स्वच्छता और विकास के साथ तेजी से बढ़ते शहर की पानी की आवश्यकता और उसके संचयन में नगर निगम की भूमिका स्पष्ट करते हुए नगर निगम को मिल रहे जनसहयोग और इंदौर शहर के नागरिकों की मददगार प्रकृति को अद्भुत बताया।
उन्होंने नगर निगम की ओर से जल अभियान-2025 का खाका रखते हुए इंदौर शहर की बढ़ती आबादी और नर्मदा के महंगे जल के ऊपर निर्भरता कम किए जाने की महती आवश्यकता पर बल दिया कि कभी प्राकृतिक कारणों से यदि नर्मदा में जल की कमी पड़ती है तो आपातकालीन परिस्थितियों में जल की समानांतर व्यवस्था बनाने में जैन इंजीनियर सोसायटी की दूरदृष्टि और सहभागिता बेहद महत्वपूर्ण है और हमें अभी एक माह में 15 जून से पहले वर्षा जल को सहेजने और भू-जल संरक्षण को अभियान के रूप में चलाए जाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। जितनी आवासीय सोसायटी हैं, जितने रहवासी संघ हैं… उन सभी का सहयोग और आप जैसे तकनीकी सोसायटी का सहयोग हमारे अभियान में सोने में सुहागे की तरह महत्वपूर्ण है।
वाटर सरप्लस के लिए उठाएं कदम
ज्ञातव्य है कि अभी हम नर्मदा का जो पानी पी रहे हैं, वह विश्व में सबसे महंगा करीब 25 रुपए प्रतिलीटर की लागत का पी रहे हैं। इसके लिए नगर निगम को हर माह करीब 20 करोड़ रुपए विद्युत खर्च के लिए भुगतान करना पड़ती है, इसलिए हमें वर्षा जल की हर बूंद को सहेजना होगा, जनजागृति का स्तर उठाना होगा, ताकि 1500 मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के मकानों के अलावा भी हर घर और हर व्यक्ति की जवाबदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित करना होगी। यह प्रयास करने होंगे कि हम पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनें और वाटर प्लस से वाटर सरप्लस की स्थिति में आ जाएं, इंदौर भारतभर में एकमात्र शहर है, जिसमें यह आदर्श शहर बनने की क्षमता और जुनून दोनों मौजूद हैं।
अब बारी वाटर क्वालिटी में सुधार की
द्वितीय सत्र में जिलाधीश इलिया राजा टी ने बेहद महत्वपूर्ण बात रखी कि इंदौर विगत वर्षों में स्वच्छता का सरताज बना। उसने अपना एयर क्वालिटी में तेजी से सुधार किया। अब बारी वाटर क्वालिटी में सुधार की है। हमारे तमिलनाडु में इतिहास की पुस्तकों में जिक्र आता है कि पहले माह में तीन बार बारिश होती थी… पानी धीमा आता था, जमीन में उतरता था, पर अब वैसा नहीं रहा तो जिम्मेदार कौन है? पैसे की दौड़ में क्वालिटी लाइफ पीछे छूट गई है। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए जिम्मेदार बनना होगा। आप सब यहां रविवार की सुबह एकत्र हुए हैं… उसका एकमात्र कारण है कि आप मूल्यों के प्रति समर्पित हैं और समाज को कुछ देना चाहते हैं।