इंदौर नगर निगम में हुए 125 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जी बिल घोटाले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में नगर निगम के जिन कर्मचारियों को पकड़ा गया है उन्होंने पुलिस पूछताछ में कई बड़े लोगों के नाम उगले हैं, जिसमें कई राजनेता शामिल है। वहीं मामले में प्रदेश सरकार ने भी जांच के लिए हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी रिपोर्ट एक पखवाड़े में सरकार को सौपेंगी। समिति में वित्त सचिव अजित कुमार व लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को शामिल किया गया है। जांच में बड़े खुलासे के संकेत है। उल्लेखनीय है कि घोटाला उजागर होने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सीएम मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से घोटाले की उच्च स्तर पर जांच कराने की मांग की थी। इसी मांग पर सीएम ने जांच के लिए समिति गठित की है। वहीं निगमायुक्त शिवम वर्मा ने भी अपर आयुक्त सिद्धर्थ जैन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था जिसकी जांच लगभग पूरी हो गई है। जानकारों का कहना है उच्च स्तरीय जांच में बड़े खुलासे की उम्मीद है। जांच में वे बड़े चेहरे भी सामने आ सकते है,जो किसी न किसी रूप में घोटाले से जुड़े है। जानकारों के अनुसार पुलिस जांच कुछ बड़े नाम सामने आए हैं लेकिन राजनैतिक पहुंच के चलते पुलिस के हाथ उन लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे है।
2 फर्म को किया ब्लैक लिस्ट, केस दर्ज
ड्रेनेज घोटाले की जांच में दो फर्मे भी जुड़ गई है। क्रिस्टल इंटरप्राइजेज और ईश्वर इंटरप्राइजेज के नाम से पंजीकृत इन फर्मों से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर ने पांच करोड़ रुपए का गबन किया है। शुक्रवार को एमजी रोड़ पुलिस ने निगम अफसरों की शिकायत पर दोनों फर्मों के संचालकों पर दो नई एफआईआर दर्ज कर ली। इन दोनों फर्मों को नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट भी कर दिया है। नगर निगम अफसरों ने स्वयं संज्ञान लेते हुए संचालक इमरान खान (क्रिस्टल) निवासी जूनी कसेरा बाखल और मौसम व्यास (ईश्वर) निवासी पलसीकर कॉलोनी के खिलाफ केस दर्ज करवाया। दोनों फर्मों में 5 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है।