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इंदौर से 60 किमी दूर स्थित है एक हजार वर्ष प्राचीन हामूखेड़ी स्थित बिजासन माता मंदिर

इंदौर शहर केवल दो ज्योतिलिंर्गों के मध्य में ही नहीं बसा हुआ है बल्कि शिव के साथ शक्ति के आराधना स्थल भी इस शहर के समीप हैं। उज्जैन में महाकाल ज्योतिर्लिंग और हरसिद्धि शक्ति पीठ हैं तो दूसरी ओर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। वहीं शहर के एक ओर देवास में तुलजा भवानी और मां चामुंडा हैं तो हामूखेडी में बिजासन माता का भी अति प्राचीन मंदिर है। आस्था, श्रद्धा, विश्वास और मान्यता के धनी इस देश में न तो मंदिरों की कमी है और न ही वहां जाने वाले भक्तों की। नवरात्र में ऐसा ही एक स्थल आस्था का केंद्र बना हुआ है और वह है हामूखेड़ी स्थित बिजासन माता मंदिर। यूं तो हामूखेड़ी का बिजासन माता मंदिर धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल है लेकिन यह पर्यटन के लिए भी बेहतर स्थान है। नवरात्र में तो यहां की छटा देखते ही बनती है। शहर से इसकी दूरी करीब 60 किमी है। यदि आप यहां जाना चाहते हैं तो पहले इसका मार्ग समझें। यहां पहुंचने के लिए आपको इंदौर से उज्जैन की ओर जाना होगा। क्षिप्रा पुल पार करने के बाद आपको दाहिनी ओर हामूखेड़ी गांव का बोर्ड नजर आएगा। जहां यह बोर्ड लगा है वह रास्ता उज्जैन को देवास से भी जोड़ता है। यहां से करीब दो किमी आगे बढ़ने पर आप हामूखेड़ी पहुंच जाएंगे। हामूखेड़ी पहुंचने के बाद आपको दो किमी और आगे बढ़ना होगा तब आपको बिजासन माता मंदिर का मार्ग नजर आने लगेगा।

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