सेंट्रल जेल परिसर में बने 12 आवासों पर अवैध कब्जे के मामले में जेल मुख्यालय सख्त हो गया है। जेल अधीक्षक से अवैध कब्जा करने वालों की जानकारी मांगी गई है। सभी को जल्द बंगले और क्वार्टर खाली करने के आदेश दिए गए हैं। तय समय में मकानों को खाली नहीं करने वालों के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि कब्जा करने वालों में दो पूर्व अधीक्षक समेत 10 अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इन वर्तमान पदस्थापना वाले जिलों में भी आवास मिले हुए हैं। बावजूद पुराने आवासों को खाली करने को तैयार नहीं हैं।
जेल परिसर में बने जिन 12 बंगलों पर कब्जा है। जेल परिसर में चार ई-टाइप बंगले हैं। इनमें से एक बंगला मेडिकल आॅफिसर के लिए रिजर्व रखा जाता है। भोपाल सेंट्रल जेल में इन दिनों करीब 3500 कैदी हैं। इनके उपचार का जिम्मा एक चीफ मेडिकल आॅफिसर मनीष बिरथरे पर है। वह फिलहाल निज निवास में रह रहे हैं। इमरजेंसी में देर रात उन्हें जेल तक पहुंचने में आधा घंटे से अधिक का समय लग जाता है।
पोस्टिंग जबलपुर में, बंगला भोपाल में
अखिलेश तोमर, जेल सुपरिटेंडेंट, सेंट्रल जेल जबलपुर में पदस्थ हैं। वर्ष-2019 में उनका ट्रांसफर हो चुका है। इसके बाद भी उन्होंने भोपाल सेंट्रल जेल में बने बंगला नंबर ई-02/02 में कब्जा जमा रखा है, जबकि उन्हें जबलपुर में बंगला मिला हुआ है।