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नगर निगम कॉल सेंटर पर हर माह एक हजार से ज्यादा शिकायत होती है दर्ज, नहीं हो रहा निराकरणशहर की मुख्य सड़कों पर खुले पड़े हैं 6 हजार से ज्यादा चैंबर, हादसे का खतरा

शहर में 800 किलोमीटर सीवेज लाइन बिछी है, जिसमें 25 हजार से ज्यादा चैंबर बनाए गए हैं। इनमें से लगभग 6 हजार चैंबर खुले पड़े हैं। एक चैंबर की गहराई 4 फुट से 20 फुट तक के करीब होती है। इन खुले चैंबरों से लोगों के साथ हादसा होने का खतरा बना रहता है। इन चैंबर के आसपास किसी प्रकार की बैरिकेडिंग नहीं होने के कारण अक्सर लोग बाइक से या पैदल इनमें खुले चैंबर के कारण घायल भी हो जाते हैं। जिसको लेकर नगर निगम कॉल सेंटर पर महीने भर में एक हजार से ज्यादा शिकायत टूटे और बिना ढक्कन के खुले पड़े चैंबर की आती हैं।
अल्पना तिराहे से भोपाल स्टेशन : अल्पना तिराहे से भोपाल स्टेशन के लिए मुड़ते ही बीच सड़क पर चैंबर खुला हुआ है। चैंबर के ऊपर पुलिस की एक बैरिकेडिंग रख दी गई है। जिससे हादसा होने का खतरा और बढ़ जाता है। भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 की ओर रोजाना 40 हजार से ज्यादा लोग आवागमन करते हैं।
एमपी नगर जोन वन : एमपी नगर जोन 1 में अंडर ब्रिज के पास चैंबर खुला है। आधा चैंबर सड़क पर है, जिससे हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है। रात में अंधेरे के समय यहां अक्सर लोग खुले चैंबर के कारण घायल होते हैं। इसी से थोड़ी दूरी पर सीवेज टैंक भी ऊपर से टूटने के कारण खुला हुआ है।
पॉलिटेक्निक से बाणगंगा : पॉलिटेक्निक से बाणगंगा तक सड़क के दोनों ओर डक्ट खुले पड़े हैं। यहां 50 से ज्यादा डक्ट खुले पड़े हैं। पॉलिटेक्निक और एमएलबी कॉलेज के हजारों छात्र-छात्राएं यहां से रोजाना गुजरते हैं। ऐसे में दुर्घटना होने की स्थिति बनी रहती है। अक्सर कई बार लोग इन खुले डक्ट में फंस कर घायल हो चुके हैं। इस रोड पर दबाव
भोपाल टॉकीज : भोपाल टॉकीज चौराहा पर चैंबर खुला पड़ा है। यहां रोजाना 1 लाख से ज्यादा लोग आवागमन करते हैं। चैंबर का अधिकतर हिस्सा सड़क पर होने से यहां से गुजरने वालों लोगों के साथ दुर्घटना का खतरा बना रहता है। लोगों की सुरक्षा के नाम पर चैंबर के किनारे एक पत्थर रख दिया गया है।

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