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फाइलों में उलझा बीआरटीएस का 6.4 किमी हिस्सा, मंजूरी के बाद भी जारी नहीं हुआ वर्क आॅर्डर

शहर जिस बीआरटीएस कॉरिडोर से परेशान है उसके सबसे बड़े हिस्से को हटाने का काम पिछले 14 दिन से नगर निगम की फाइल में उलझ गया है। एम्प्री से मिसरोद यानी होशंगाबाद रोड पर 6.4 किमी कॉरिडोर हटाने के लिए 11.94 करोड़ के टेंडर की मंजूरी की फाइल 15 फरवरी को एमआईसी भेजी गई थी। एक सप्ताह बाद 22 फरवरी को एमआईसी की बैठक में मंजूरी दे दी गई, लेकिन इसके 7 दिन बाद भी वर्क आॅर्डर जारी नहीं हो सका है।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि बीआरटीएस के इस हिस्से में सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। सोमवार देर रात को भी यहां एक हादसा हुआ, जिसमें दो लोग गंभीर घायल हुए हैं। इस हिस्से में रोजाना लगने वाले जाम के कारण कम से कम 3 लाख आबादी परेशान होती है। नगर निगम ने 15 फरवरी को रोशनपुरा से कमला पार्क तक का कॉरिडोर हटाने का काम शुरू किया था। इसमें किलोल पार्क तक का कॉरिडोर हटाया जा चुका है। बुधवार रात या गुरुवार दोपहर तक शेष हिस्से का कॉरिडोर भी हट जाने की उम्मीद है। कलेक्टोरेट से लालघाटी वाले हिस्से में भी कॉरिडोर हटाने का काम चल रहा है। 20 जनवरी को पीडब्ल्यूडी ने हलालपुरा बस स्टैंड से बैरागढ़ तक कॉरिडोर हटाना शुरू किया था।
नगरीय विकास एवं आवास विकास विभाग द्वारा तय नियमों के अनुसार 5 करोड़ से अधिक के टेंडर पर एमआईसी की मंजूरी के बाद ही वर्क आॅर्डर जारी हो सकता है।
हमने स्वीकृति दे दी है
15 फरवरी को टेंडर खुलने पर हमने कमिश्नर फ्रेंक नोबल ए को मौखिक स्वीकृति के आधार पर वर्क आॅर्डर जारी करने को कहा था। 22 फरवरी को एमआईसी की बैठक में हमने इसके लिए स्वीकृति भी जारी कर दी। इसके बाद लेटर आॅफ इंटेंट जारी हो चुका है। काम शुरू होने में कोई परेशानी नहीं है, मैं संबंधित अफसरों को इसके लिए तत्काल निर्देश दे रही हूं।

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