इंदौर-देवास रेलवे लाइन पर रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) के दौरे के बाद ट्रैक पर हादसा हो गया। सीआरएस स्पेशल ट्रेन से दो स्टूडेंट्स की मौत हो गई। जिस ट्रैक पर घटना हुई है, वहां पर ट्रेन का पहली बार ट्रॉयल रन था। इसी ट्रैक से तीन स्टूडेंट्स बबली, राधिका और साधना सेटेलाइट जंक्शन कॉलोनी स्थित अचीवर कोचिंग क्लास से अपने घर वापस लौट रही थी।
घटना की जानकारी लगते ही मौके पर रेलवे के अधिकारी और लसूड़िया थाने के पुलिस अधिकारी पहुंचे। घटना की जानकारी कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दी। इसके बाद केंद्रीय रेल मंत्री ने डीआरएम को जांच के आदेश दिए। इधर, हादसे की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जिस ट्रैक पर हादसा हुआ, उसकी स्पीड टेस्ट की ओके रिपोर्ट भी आ गई है। ट्रैक पर ट्रैफिक शुरू हो चुका है। रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार रात 11 बजे इसी ट्रैक से पहली ट्रेन शांति एक्सप्रेस गुजरी। इसके बाद शुक्रवार से ट्रेनों के आने जाने का सिलसिला जारी है। लसूड़िया थाना प्रभारी तारेश सोनी के मुताबिक दोहरीकरण योजना में बरलई से लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन तक नया रेलवे ट्रैक बनाया गया है। इस ट्रैक का काम 14 दिसंबर को पूरा हुआ। इसके बाद ट्रेनों का ब्लॉक ले लिया गया था। ट्रेन बंद होने के कारण इस ट्रैक पर ग्रामीण लोग आने लगे थे। गुरुवार को ट्रॉयल रन की जानकारी कई ग्रामीणों को नहीं थी। पुलिस के मुताबिक जहां हादसा हुआ, वहां से घर दो सौ मीटर की दूरी पर है। मृतका राधिका और बबली के पिता मजदूरी करते हैं। राधिका का एक छोटा भाई 14 साल का है, जबकि बबली तीन बहन व एक भाई है। दोनों घर से आधा किलोमीटर दूर कोचिंग रोज पैदल आती-जाती थीं। तीनों सहेलियां बबली, राधिका और साधना ट्रैक क्रॉस कर रही थीं कि अचानक ट्रेन आ गई। इसकी स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा थी। बच्चियों को लगा कि ट्रेन पुराने ट्रैक से निकलेगी, क्योंकि नए ट्रैक पर तो ट्रेन की आवाजाही बंद है और वे नए ट्रैक पर रुक गईं। राधिका आगे निकल चुकी थी। ट्रेन ने दोनों को चपेट में ले लिया।