इंदौर नगर निगम में ठेकेदार सुसाइड केस में ठेकेदार का परिवार निगम के रिटायर्ड अफसर को ही दोषी ठहरा रहा है। मृतक के परिजन इस मामले में 10 दिसंबर तक बयान दर्ज कराएंगे। इधर, रिटायरमेंट से पहले ही वीआरएस देकर रिटायर कर दिए गए अफसर ठेकेदार की मौत के बाद से ही लापता हैं।
बताया जा रहा है कि इंदौर में हुए दो बड़े आयोजनों से मोटा कमीशन हासिल करने के लिए निगम के रिटायर्ड अफसर ने ही कंपनी को टेंडर दिलाया। इसमें डॉक्यूमेंट में नाम ना लेते हुए सारे काम बतौर पेटी कांट्रैक्टर भाटिया को दिला दिए।
इसके बाद कंपनी को तो नगर निगम की तरफ से पेमेंट हुआ। लेकिन भाटिया के पास उनका पेमेंट नहीं पहुंचा। अमरजीत के पास खुद करीब 50 से ज्यादा छोटे पेटी कांट्रैक्टर काम करते थे। उन्होंने इन आयोजनों में उनसे काम भी करवाया था,जो पेमेंट के लिए भाटिया के पास तकादा लगा रहे थे। तुकोगंज पुलिस ने नगर निगम के सीनियर ठेकेदार अमरजीत सिंह भाटिया की मौत के मामले में दो बार परिवार के लोगों से बात करने की बात कोशिश की। लेकिन उन्होंने गमी के चलते 10 दिसंबर तक थाने आकर बयान देने की बात कही है। वीआरएस ले चुके निगम अधिकारी के बारे में परिवार का कहना है कि उन्होंने ठेका लेने वाली कंपनी से अपने कमीशन का हिसाब-किताब तो कर