कार्तिक मास की नवमी पर मंगलवार को शहर में आंवला नवमी श्रद्धा और उमंग से मनाई गई। महिलाओं ने कार्तिक स्नान कर आंवले के तने के वृक्ष के नीचे कपूर और घी का दीपक जलाकर पूजा की। आंवला नवमी की पौराणिक कहानी सुनी। साथ ही श्रद्धाानुसार 11, 21, 51 व 108 परिक्रमा कर पति और पुत्र की लंबी उम्र की कामना की।
दादाजी धाम मंदिर में सामूहिक पूजन हुआ
दादाजी धाम मंदिर रायसेन रोड पटेल नगर में सामूहिक रूप से आंवला नवमी मनाई गई। महिलाएं ने व्रत रखकर परिवार की सुख समृद्धि और अच्छी सेहत की कामना की। आंवले के वृक्ष पर कच्चा धागा बांधकर पूजा-अर्चना की गई। वृक्ष की परिक्रमा के बाद सभी महिलाओं ने व्रत की कथा का वाचन किया एवं घर पर बने पकवान भोग लगाया गया।
महिला प्रकोष्ठ ने किया आंवला नवमी पर सामूहिक पूजन
गायत्री शक्तिपीठ पर महिला प्रकोष्ठ की बहनों के द्वारा श्री राम स्मृति उपवन में आवला के पेड़ की सामूहिक पूजा अर्चना, परिक्रमा की। इस दौरान सह भोज भी हुआ। महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी मधु श्रीवास्तव ने बताया कि आंवला नवमी का बहुत महत्व है। आंवला नवमी को अक्षय नवमी या कूष्मांडा नवमी भी कहते हैं। इस दिन विष्णु भगवान और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजन, स्नान दान करने वाले को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी बाधाओ से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर महिला प्रकोष्ठ की संध्या दीदी, रेखा तिवारी, माया नागर, ममता मिश्रा, रमा देशमुख, सविता वाजपेई, सुधा बोड़खे, दीप्ति राव, रेशम चौहान आदि मौजूद थीं।