शिवपुरी, एजेंसी। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में ट्रिपल मर्डर के बाद चकरामपुर गांव में सन्नाटा है। सड़कें सूनी हैं। 200 से ज्यादा घरों में ताले लटके हैं। दहशत में लोग गांव छोड़ खेत या रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।
वारदात के बाद से आरोपी परिवार भी गायब है। पीड़ित भदौरिया परिवार का एक घर है, जिसके सदस्य ग्वालियर के जेएएच में भर्ती हैं। यहां अन्य समाज के 10 परिवार हैं। जो कि घरों में बंद हैं। सड़कों पर सिर्फ हथियारों से लैस पुलिसकर्मी ही हैं। दरअसल, 17 नवंबर को वोटिंग के बाद रात में भाजपा के पोलिंग एजेंट राजेंद्र भदौरिया की मां, चाचा और ममेरे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद पांच आरोपियों के मकान ढहा दिए हैं। 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पोहरी विधानसभा की नरवर तहसील के चकरामपुर गांव के राजेंद्र भदौरिया (28) ने पुलिस को बताया कि दो वोटों को लेकर विवाद हुआ था। वो कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश के पक्ष में फर्जी वोट डालने आए थे। उन्हें टोका था। शाम को हम बोलेरो से लौट रहे थे, तभी उन्होंने घेर कर हमला कर दिया।