भाजपा महू में दीदी की जगह दीदी को लाने की रणनीति पर काम कर रही है। सूत्रों के अनुसार यदि कैलाश विजयवर्गीय उषा ठाकुर के नाम पर तीन नंबर के लिए सहमत हुए तो राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार महू से और उषा ठाकुर तीन से लड़ सकती हैं। इस रणनीति के चलते इंदौर जिले में भाजपा तीन महिलाओं और तीन ओबीसी वर्ग को टिकट देने की स्थिति में आ जाएगी।
दरअसल, भाजपा की चौथी सूची आने के बाद कांग्रेस की पहली सूची को लेकर अटकलें हैं। कमलनाथ ने कल पत्रकारों के समक्ष स्पष्ट किया कि कांग्रेस की पहली सूची 15 अक्टूबर तक आएगी। इसी दिन नवदुर्गा उत्सव आरंभ होगा। भाजपा अपने इंदौर जिले के बचे हुए तीन प्रत्याशियों को कांग्रेस की पहली सूची आने के बाद घोषित कर सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा की पांचवीं सूची 20 अक्टूबर तक आने की संभावना है। कांग्रेस की सूची में तीनों मौजूदा विधायक यानि संजय शुक्ला, जीतू पटवारी और विशाल पटेल के नाम होंगे। इनके अलावा कांग्रेस सांवेर से रीना सेतिया और क्षेत्र क्रमांक 5 से सत्यनारायण पटेल का नाम भी तय बताया जा रहा है। शेष चार सीटों पर दो-दो, तीन-तीन उम्मीदवारों के पैनल हैं, इसलिए यहां के फैसले बाद में हो सकते हैं। निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के अनुसार 2 नवंबर नाम वापसी की अंतिम तिथि है। जाहिर है, कांग्रेस और भाजपा को इसके पूर्व टिकट वितरण करना पड़ेगा। भाजपा के टिकट वितरण में जो भूमिका केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने निभाई, वही भूमिका कांग्रेस के लिए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह निभाने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस बार जिले से तीन महिलाओं और तीन पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी खड़े करने का प्रयोग करने की कोशिश कर रही है, इसलिए पार्टी चाहती है कि उषा ठाकुर को क्षेत्र क्रमांक तीन में शिफ्ट किया जाए, ताकि महू से कविता पाटीदार को उतारा जा सके। भाजपा ने क्षेत्र क्रमांक चार से मालिनी गौड़ को टिकट दिया है। इस तरह से पार्टी तीन महिलाओं को उतार सकेगी। इसी तरह भाजपा ने मनोज पटेल और मधु वर्मा के रूप में 2 ओबीसी उम्मीदवार दिए हैं। यदि कविता पाटीदार और महेंद्र हार्डिया में से किसी एक को टिकट मिलता है तो जिले से पहली बार भाजपा 3 ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार उतार सकेगी। कांग्रेस की सूची में हर बार की तरह इस बार भी दो ब्राह्मण उम्मीदवार होंगे। क्षेत्र क्रमांक एक से संजय शुक्ला का नाम तय है। तीन नंबर से अश्विन जोशी या पिंटू जोशी में से कोई उम्मीदवार होगा। इसके अलावा महू विधानसभा क्षेत्र से भी कैलाश पांडे और रामकिशोर शुक्ला टिकट मांग रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आने वाले 2 दिनों में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में हो रही है, जिसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सीटों पर निर्णय होंगे। दरअसल, क्षेत्र क्रमांक 3 में कैलाश विजयवर्गीय की सहमति इसलिए जरूरी है, क्योंकि विधायक रहते आकाश विजयवर्गीय ने जबर्दस्त सक्रियता दिखाई है। उन्होंने क्षेत्र क्रमांक तीन में करीब 2000 करोड़ के विकास कार्य करवाए। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के समय उन्होंने क्षेत्र के लगभग 40,000 परिवारों को नियमित रूप से राशन किट दिए। कोरोना के समय मरीजों को मुफ्त इलाज के मामले में भी आकाश विजयवर्गीय अपने यशस्वी पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए आगे रहे। आकाश विजयवर्गीय की सक्रियता का ही परिणाम है कि इंदौर के नगर निगम चुनाव में क्षेत्र क्रमांक 3 में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले अधिक पार्षद और मेयर के चुनाव में 5000 से अधिक की बढ़त मिली, जबकि नगर निगम चुनाव में हमेशा यह क्षेत्र कांग्रेस के पक्ष में रहा है। जाहिर है, यदि कैलाश विजयवर्गीय खेमे की सहमति के बिना उषा ठाकुर को क्षेत्र क्रमांक तीन में भेजा गया तो उनकी जीत की संभावना कम हो जाएगी। इसी वजह से क्षेत्र क्रमांक का तीन के उम्मीदवार के मामले में भाजपा कैलाश विजयवर्गीय से चर्चा करके टिकट देना चाहती है। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि कैलाश विजयवर्गीय की उंगली पकड़कर राजनीति करने वाले गौरव रणदिवे के नाम पर आकाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक तीन नंबर के लिए राजी नहीं हैं।
एक रणनीति यह भी हो सकती है कि कैलाश विजयवर्गीय क्षेत्र क्रमांक 3 के लिए सुदर्शन गुप्ता की सिफारिश करें, जिससे क्षेत्र क्रमांक एक में भाजपा को और मजबूती मिले। ऐसा होने से सुदर्शन गुप्ता के समर्थक या तो क्षेत्र क्रमांक एक में कैलाश विजयवर्गीय के लिए काम करेंगे या फिर सुदर्शन गुप्ता के लिए तीन में लगेंगे। जहां तक महू का सवाल है तो भाजपा के संदर्भ में टिकट की दौड़ फिलहाल उषा ठाकुर और कविता पाटीदार तक सीमित हो गई है।