Aditya L1 mission launch Date चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इसरो सूर्य का अध्ययन करने को तैयार है। इसरो चीफ एस सोमनाथ पहले ही इसको लेकर जानकारी दे चुके हैं। अब इसरो ने सूर्य मिशन के लिए सैटेलाइट आदित्य-एल1 को लेकर बड़ा एलान कर दिया है। इसरो ने बताया कि श्रीहरिकोटा से सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली भारतीय सैटेलाइट कब लॉन्च होगी।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से काफी उत्साहित हैं और इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हैं अब बारी सूरज की है। बहुत जल्द पूरी दुनिया भारत की एक और बड़ी उपलब्धि की साक्षी बनेगी। दीपांकर बनर्जी मिशन आदित्य एल-1 के वर्किंग साइंस ग्रुप व आउटरीच कमेटी के सह अध्यक्ष हैं। वह कहते हैं कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह महत्वाकांक्षी प्रयास सूर्य के रहस्यों को तो खोलेगा ही, अंतरिक्ष में विचर रहे कृत्रिम उपग्रहों की सुरक्षा के लिए भी वरदान साबित होगा। वह यह भी कहते हैं इस मिशन से संबंधित सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसरो कभी भी आदित्य एल-1 की लांचिंग की तिथि घोषित कर सकता है………
आदित्य-एल1 मिशन को इसरो के पीएसएलवी एक्सएल रॉकेट द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर (एसडीएससी-एसएचएआर), श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। प्रारंभ में, अंतरिक्ष यान को निम्न पृथ्वी कक्षा में रखा जाएगा। इसके बाद, कक्षा को अधिक अण्डाकार बनाया जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान को ऑनबोर्ड प्रणोदन का उपयोग करके लैग्रेंज बिंदु (एल1) की ओर प्रक्षेपित किया जाएगा।
जैसे ही अंतरिक्ष यान L1 की ओर यात्रा करेगा, यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (SOI) से बाहर निकल जाएगा। एसओआई से बाहर निकलने के बाद, क्रूज़ चरण शुरू हो जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान को एल1 के चारों ओर एक बड़ी प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे।