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इंदौर जैसा बड़ा शहर पर मंत्री एक भी दादा दयालु पर कब होगी दया

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल/इंदौर। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं जैसे-जैसे तेज और शपथ ग्रहण की डेट आगे बढ़ती जा रही है, वैसे ही दावेदारों की संख्या भी बढ़ती चली जा रही है। एक महीने के लिए और मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ने को लेकर बहुत सारे विधायकों ने दावेदारी शुरू कर दी। मुख्यमंत्री के दो दिन से भोपाल से बाहर रहने के कारण शपथ ग्रहण समारोह टल गया।

63 वर्षीय विधायक रमेश मेंदोला इंदौर के दो नंबर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार से विधायक हैं। पिछले चुनाव में तो प्रदेश में सर्वाधिक 71 हजार मतों से जीते थे। इस बार भी मंत्रिमंडल विस्तार में ब्राह्मण वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में दादा दयालु का नाम चल जरूर रहा है, लेकिन सब कुछ निर्भर करता है शीर्ष संगठन और मुख्यमंत्री की दया पर। इंदौर से महेंद्र हार्डिया मंत्री रहे… उनके बाद से शहरी क्षेत्र के किसी विधायक को मुख्यमंत्री ने इस योग्य नहीं समझा। तुलसी सिलावट सांवेर से विधायक-मंत्री हैं।

संभावना है कि आज शिवराज कैबिनेट का तीसरा विस्तार किया जा सकता है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ल, लालसिंह आर्य और राहुलसिंह लोधी को मंत्रिमंडल में शामिल करने की अटकलें हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री आवास में बुधवार देर रात तक मंथन चला था, लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी। गुरुवार सुबह फिर सभी दिग्गज बैठे तो तीन नाम पर अंतिम सहमति बनी। यह तय किया गया कि शुक्रवार को सायंकाल इन विधायकों को एक सादे समारोह में शपथ दिला दी जाए। इधर, मंत्री पद के कई अन्य दावेदार भी भोपाल पहुंच गए और बड़े नेताओं से मिलकर अपना दावा और विरोध दोनों जताने लगे हैं।
विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड अंचल से एक-एक मंत्री बनाया जा सकता है। वर्तमान में शिवराज समेत 31 सदस्य कैबिनेट में हैं। नियमानुसार चार और मंत्री बनाए जा सकते हैं। चौथे स्थान को लेकर पार्टी नेताओं की सोच है कि किसी आदिवासी या अनुसूचित जाति के विधायक को शपथ दिलाकर इस वर्ग के लिए एक अच्छा संदेश दिया जाए।

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