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भू-स्वामी और विकासकर्ता के बीच अनुबंध का अब रेरा में नहीं कराना होगा पंजीयन

मध्यप्रदेश में भू-स्वामी और विकासकर्ता के बीच किए गए अनुबंध का पंजीयन अब भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में नहीं करना होगा। साढ़े पांच माह बाद वाणिज्यिक कर विभाग ने अपनी गलती सुधारते हुए नई संशोधित अधिसूचना जारी कर रेरा में पंजीयन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
वाणिज्यिक कर विभाग ने बदला नियम – दरअसल, 29 मार्च 2023 को भू-स्वामी और विकासकर्ता के बीच अनुबंध का पंजीयन कराने की अनिवार्यता की गई थी, लेकिन इसे व्यावहारिक रूप से अनुकूल नहीं पाए जाने के कारण वाणिज्यिक कर विभाग ने यह प्रावधान समाप्त कर दिया है। अब केवल प्रोजेक्ट का पंजीयन कराना होगा। यह नई व्यवस्था पूर्व की तरह ही एक अप्रैल 2023 से प्रभावी मानी जाएगी।
स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट – भू-स्वामी और विकासकर्ता को प्रोजेक्ट के अनुबंध की स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई है। भू-स्वामी को अनुबंध कराने में स्टाम्प शुल्क में डेढ़ प्रतिशत की छूट मिलेगी और विकासकर्ता को उनके शेयर में से पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यानी अगर 10 करोड़ का प्रोजेक्ट है और इसमें भूस्वामी की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है और विकासकर्ता की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है तो प्रोजेक्ट के अनुबंध के समय स्टाम्प ड्यूटी पर भू-स्वामी को डेढ़ प्रतिशत और विकासकर्ता को उनके 40 प्रतिशत शेयर पर पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

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