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पुलिस और डॉक्टर की लापरवाही से लाश पीएम के लिए करती रही इंतजार

इंदौर। रीवा के राजकुमार विश्वकर्मा पीथमपुर में काम करते थे। उनकी कल दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके परिजनों को उनका पोस्टमार्टम करवाना था, लेकिन 12:30 बजे के आसपास दुर्घटना में मृत युवक का पोस्टमार्टम रात 8:30 बजे हो सका। वह भी कलेक्टर के हस्तक्षेप करने के बाद।
दरअसल दिन में 12:30 बजे एक्सीडेंट होने के बाद मृतक के परिजन उन्हें श्री मिनेश अस्पताल ले गए थे, जहां अस्पताल द्वारा उन्हें दोपहर 2:41 पर ही शव सुपुर्द कर दिया गया था। तब वहां मौजूद राऊ पुलिस के दो जांच अधिकारी थाना क्षेत्र को लेकर कंफ्यूज हो गए। उन्होंने कहा कि यह मामला किशनगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसके बाद वह दोनों वहां से चले गए। इसके बाद जब परिजनों ने किशनगंज थाने में संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह मामला राऊ थाना क्षेत्र में आएगा।
इसके बाद दो परिजन राऊ थाना में गए और उन्होंने पुलिस वालों को सूचित किया, जिसके बाद एएसआई रोहन भूरिया अपने साथी के साथ अस्पताल पहुंचे और उन्होंने लाश को जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इन सबके कारण लाश शाम को 4:30 से 5 बजे के बीच जिला अस्पताल पहुंचाई गई, लेकिन जिला अस्पताल में भी पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक डॉक्टर वाजपेयी उपस्थित नहीं थे। परिजनों ने अस्पताल में बात की तो उन्होंने कहा कि आप इंतजार कीजिए। परिजन वहां पर खड़े हुए डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन केवल वही एक शव नहीं था, जो पीएम का इंतजार कर रहा था, बल्कि वहां के मुर्दाघर में दो लाशें और भी थीं। एक स्ट्रेचर पर और एक फर्श पर।
उनके तो परिजन तक थक-हारकर लाशों को वहीं छोड़कर चले गए थे। जिला अस्पताल की यह लापरवाही हिन्दुस्तान मेल पहले भी सामने ला चुका है। इस घटना की जानकारी लगने पर हिन्दुस्तान मेल के संवाददाता वहां पहुंचे और उन्होंने परिजनों से बात कर घटना की जानकारी ली, जिसके बाद इस संवाददाता ने सीएमएचओ बीएस सैत्या से संपर्क करने की कोशिश की, परंतु उन्होंने कॉल नहीं उठाया। इसके बाद संवाददाता ने कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी से संपर्क कर इस पूरे मामले की जानकारी दी।

कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लेकर दिए कार्रवाई के आदेश
हिन्दुस्तान मेल के संवाददाता से पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर इलैया राजा ने तुरंत एक्शन लेकर स्वयं सीएमएचओ डॉ. सैत्या और एडीएम सपना लोवंशी से संपर्क किया और उन्हें तुरंत पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया। एडीएम सपना लोवंशी ने सारे दस्तावेज पूर्ण करवाकर प्रक्रिया को अंजाम दिया।

पुलिस और डॉक्टर की बड़ी लापरवाही
नियमानुसार सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम होने पर एडीएम द्वारा लिखित आदेश की आवश्यकता लगती है। कलेक्टर के आदेश के बाद शाम 7 बजे सीएमएचओ डॉ. सैत्या जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल के प्रभारी डॉ. नीमा को अस्पताल बुलाया, जो शाम 7:30 बजे पहुंचे, लेकिन डॉ. बाजपेयी जो वहां पोस्टमार्टम करते हैं, वह रात को 8 बजे तक भी नहीं पहुंचे, जिसके बाद सेठी अस्पताल में छोटे बच्चों का इलाज करने के लिए नियुक्त डॉ. शकील अहमद को बुलवाया गया, जिन्होंने रात 8:30 बजे पोस्टमार्टम शुरू किया। इस मामले में पुलिस की लापरवाही से भी पोस्टमार्टम देरी से हुआ। पहले तो दोनों थाना क्षेत्र एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे, उसके बाद पुलिस ने मामले की रिपोर्ट जिला अस्पताल में बैठकर लिखी। पूरे मामले में पुलिस डिपार्टमेंट और सीएमएचओ डिपार्टमेंट एक-दूसरे पर पोस्टमार्टम लेट होने का ठीकरा फोड़ते नजर आए।

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