नगर निगम, भोपाल द्वारा पेड़ों पर नट-बोल्ट लगाकर विज्ञापन करने वाले पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। वहीं संबंधित व्यक्ति पर पुलिस ने भी कार्रवाई की गई है। जिस तरह से हर कहीं पेड़ों पर कीलें ठोक कर विज्ञापन के बोर्ड और फ्लैक्स लगाए जाते हैं, उन पर कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। इंदौर में भी इस प्रकार से पेड़ों का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई होना चाहिए। पर्यावरण प्रेमियों के साथ ही विभिन्न संगठनों के द्वारा पेड़ों से कीलें निकालने का अभियान चलाया जाता रहा है। इसमें पुणे-मुम्बई में चलाए गए अभियान उल्लेखनीय हैं।
प्रमुख मार्गों के साथ ही शहर के बीचों बीच सड़कों किनारे लगे हरे भरे पेड़ों की अनदेखी उनके अस्तित्व पर संकट ला सकती है। दरअसल इन पेड़ों को विज्ञापन बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसके चलते इनमें लोहे की कई कीले गाड़ दी जाती हैं। यह इनके लिए घातक साबित हो रही है।
समय रहते ही सख्त नियमों के पालन के साथ ही इस विषय में जागरुकता नहीं लाई गई तो अधिकांश पेड़ सूख जाएंगे। प्रचार प्रसार करने के फेर में हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ सकती है। इन्हें विज्ञापन बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इससे इन पेड़ों के सूखने का खतरा उत्पन्न हो गया है। नियमों के तहत ये गलत होने के बाद भी जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। ऐसे में प्रचार के लिए इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है।