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मध्य प्रदेश

भोपाल में पहली बार 88,500 पर पहुंचे चांदी के दाम, कारोबार 30 फीसदी घटा

चांदी आॅल टाइम हाई पर पहुंच गई है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चांदी की चमक तेज हुई है। सराफा एसोसिएशन के मुताबिक, 1 किलो चांदी के रेट 88 हजार 500 रुपए पर पहुंच गए हैं। डेढ़ महीने में 11,700 रुपए बढ़े हैं। उधर, सोना भी तेवर दिखा रहा है। 24 कैरेट 10 ग्राम सोना 75,750 रुपए में मिल रहा है। इस कारण भोपाल में सराफा कारोबार में 30% तक गिरावट आई है। भोपाल सराफा महासंघ के प्रवक्ता नवनीत कुमार अग्रवाल बताते हैं, गुरुवार को भोपाल में चांदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को भी रेट में बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऐसे ही हाल सोने के भी है। दूसरी बार कीमत 75,750 रुपए हुई है।

पहली बार आॅल टाइम हाई पर चांदी खरीदारों की संख्या में आई कमी
भोपाल में 1 हजार से अधिक सोना-चांदी की दुकानें हैं। पुराने शहर में सराफा बाजार है, जबकि न्यू मार्केट, 10 नंबर मार्केट, कोलार, होशंगाबाद रोड, बैरागढ़ समेत पूरे शहर में दुकानें हैं। मार्च-अप्रैल में विवाह मुहूर्त होने से बाजार में अच्छी ग्राहकी थी, लेकिन अभी शादियों का दौर थमा हुआ है। इस कारण ग्राहकी कम है। खासकर मध्यमवर्गीय लोगों ने बाजार से दूरी बनाई है। गेहूं-चने की फसल कटने के बाद किसानों की भीड़ जरूर है। ओवरआॅल ग्राहकी में 30 प्रतिशत की कमी आई है। जून में ग्राहकी फिर से जोर पकड़ेगी।

व्यापारी अग्रवाल बताते हैं कि बाजार में मार्च से ही तेजी बनी हुई है। इस कारण सोना-चांदी के रेट में बढ़ोतरी हुई है। 1 मार्च को चांदी के रेट 73 हजार 500 रुपए और 1 अप्रैल को 76 हजार 800 रुपए प्रतिकिलो थे, जो 16 मई को 88 हजार 500 रुपए पहुंच गए। इस तरह डेढ़ महीने में 11 हजार 700 रुपए बढ़े हैं। वहीं, सोने के रेट 1 मार्च को 64 हजार 700 रुपए प्रति 10 ग्राम थे, जो 16 मई को 75 हजार 750 रुपए पहुंच गए। इस तरह डेढ़ महीने में 4700 रुपए तक बढ़े हैं। प्रवक्ता अग्रवाल ने बताया कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर सोने के रेट बढ़े हैं। जिसका असर भोपाल के बाजार में भी पड़ रहा है। दूसरी ओर, चांदी का इस्तेमाल उद्योगों में ज्यादा हो रहा है। हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज में चांदी का इस्तेमाल हो रहा है। इसलिए भी चांदी के भाव बढ़ रहे हैं। अगले एक साल में सोना के 80 हजार से 85 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। वहीं चांदी भी 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।

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घर में घुसकर गोली मारने वाला पुलिस की गिरफ्त में

ग्राम डोबनी में घर में घुसकर गोली मारने वाले आरोपी को टांडा पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी जंगलों व खेतों में छिपा हुआ था। आरोपी गुजरात भागने की फिराक में था, इसी बीच टांडा पुलिस ने आरोपी जगदीश पिता मानसिंह को ताराघाटी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से देसी पिस्टल भी जप्त किया गया है। पुलिस आरोपी जगदीश से अब पिस्टल को लेकर जानकारी जुटा रही है, ताकि पिस्टल उपलब्ध करवाने वाले अवैध हथियार तस्करों तक पुलिस टीम पहुंच सके। जल्द ही आरोपी को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
दरअसल टांडा थाना अंतर्गत ग्राम डोबनी में 10 मई की सुबह करीब 4 बजे आरोपी जगदीश गांव में रहने वाले पेमसिंह पिता गुलाबसिंह उम्र 30 साल के घर में घुसा व पिस्टल से फायर कर दिया था। इससे पेमसिंह की मौके पर ही मौत हो गई, परिजनों की सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची व पंचनामा बनाते हुए मर्ग कायम कर जांच शुरू की। मृतक के भाई गिरु पिता गुलाबसिंह उम्र 25 साल ने पुलिस को बताया कि एक दिन पहले आरोपी ने जगदीश को धमकी दी थी कि तूने लड़की वाली बात सबको क्यों बताई, कल देख लेना। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी मनोज कुमार सिंह के निर्देशन व एसडीओपी सुनील गुप्ता के मार्गदर्शन में टांडा पुलिस ने जांच शुरू की। थाना प्रभारी उनि गुलाबसिंह भयडिया ने बताया कि आरोपी जगदीश पेमसिंह को धमकी देकर गया था, इसके बाद पिस्टल से फायर कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर पिस्टल को जप्त कर ली है।

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दमोह में 7 घंटे में बैंक लूट के आरोपी गिरफ्तार चौकीदार ने दोस्तों के साथ बनाई थी योजना

दमोह जिले के गैसाबाद थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव में मध्यांचल ग्रामीण बैंक में हुई 40 लाख से ज्यादा की लूट के आरोपियों को पुलिस ने महज 7 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया है। लूट की प्लानिंग चौकीदार ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर की थी।
षडयंत्र में शामिल चौकीदार ने ही दी थी पुलिस को सूचना : मंगलवार रात करीब 8 बजे बैंक के चौकीदार ने पुलिस को सूचना दी कि बैंक में पांच नकाबपोश बदमाशों ने हमला किया और उसे घायल कर बैंक के रुपए लूट कर ले गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई। दमोह एसपी श्रतकीर्ति सोमवंशी खुद मौके पर पहुंचे। इस दौरान बैंक से लूट कर भाग रहे आरोपियों के हाथ से 100 के नोटों की दो गड्डियां बैंक के बाहर नाली में भी गिर गई, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया। भागते समय आरोपी बैंक के सीसीटीवी की हार्ड डिस्क भी साथ में ले गए, इसलिए कोई फुटेज पुलिस के पास नहीं थे, लेकिन बाद में पुलिस को चौकीदार पर संदेह हुआ। जब रात में उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
एसपी सोमवंशी ने बताया कि बैंक के सभी कर्मचारियों के घर चले जाने के बाद आरोपी चौकीदार ने अपने दो दोस्तों को बैंक में बुलाया और लूट की घटना को अंजाम दिया। जब उन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि उन तीनों ने मिलकर पहले से पूरी प्लानिंग की थी कि किस तरह बैंक को लूटेंगे।
चौकीदार ने शरीर पर बनाए घाव के निशान : प्लानिंग में शामिल बैंक के कर्मचारी(चौकीदार) ने खुद अपने शरीर पर कटर से घाव के निशान बनाए, ताकि पुलिस को उसे पर संदेह ना हो। इसके अलावा उसने तीन की जगह पांच आरोपियों के घटना में शामिल होने की बात बताई, ताकि पुलिस गुमराह होती रहे। लेकिन पूछताछ में उसने इस षड्यंत्र को कबूल कर लिया। आरोपी चौकीदार ने पुलिस को यह भी बताया कि बैंक के मैनेजर बैंक में ही लॉकर की चाबी छोड़कर चले गए थे, ताकि पुलिस को मैनेजर पर संदेह हो।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रात तक पुलिस को यह बताया जा रहा था कि 40 लाख रुपए की लूट हुई है, लेकिन पुलिस ने आरोपियों से 42 लाख रुपए रिकवर किए हैं। रात 8 बजे हुई इस घटना से जुड़े आरोपियों को पुलिस ने सुबह 3 बजे अपनी गिरफ्त में ले लिया।

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आरजीपीवी के बाद जबलपुर में सामने आई गड़बड़ी… मेडिकल यूनिवर्सिटी में 9 करोड़ का एफडी घोटाला

भोपाल की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी के बाद अब प्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी, जबलपुर में 120 करोड़ रुपए की एफडी में घोटाला सामने आया है। आरोप है कि कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल, रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल और फाइनेंस कंट्रोलर रविशंकर डिकाटे ने 120 करोड़ रुपए की विभिन्न एफडीआर को मैच्योर होने के बाद भी कम ब्याज पर बैंक में जमा करके रखा। इन्हें रिन्यू नहीं कराया गया। इस कारण 9 करोड़ रुपए के ब्याज का नुकसान मेडिकल यूनिवर्सिटी को उठाना पड़ा। मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास परीक्षा शुल्क के 110 करोड़, संबद्धता शुल्क के 60 करोड़ हैं।
इधर, मुख्य सचिव वीरा राणा ने मामले में एसीएस को 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए तलब किया है। बता दें कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के आॅडिट में कहा गया कि एफडीआर को किसी भी सक्षम अधिकारी ने प्रमाणित नहीं किया है। कार्यपरिषद सदस्यों ने बैठक में ही अधिकारियों पर संबंधित बैंक से उपकृत होने के आरोप लगाए। कहा गया कि पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने के लिए कहा था, लेकिन कुलपति ने अपने अधिकारों का उपयोग कर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज सहित तीन अन्य लोगों की कमेटी बना दी है। मामले की जांच चल रही है। वहीं, एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने कहा कि आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा टेंडरों में भी गड़बड़ियां की जा रहीं हैं।
ध्यान रहे, करंट अकाउंट में जमा रखे करोड़ों रुपए एफडीआर की मैच्योरिटी डेट को रिन्यू नहीं कराया गया। इस कारण अगस्त 2022 में 30.96 करोड़, सितंबर 2022 में 9.11 करोड़, अक्टूबर 2022 में 34.54 करोड़, नवंबर 2022 में 26.83 करोड़, दिसंबर 2022 में 8.74 करोड़ व जनवरी 2023 में 10.81 करोड़ का नुकसान हुआ है। 8 स्कंध पंजी, डाक पंजी, मनी पासेज, स्टाम्प ड्यूटी आदि के सत्यापन में भी कई कमियां पाई गई है।

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चाचा-भतीजे को ट्रैक्टर से कुचला, 70 एकड़ जमीन को लेकर हुआ खूनी संघर्ष

भोपाल के शुक्ला गांव में हुए खूनी संघर्ष का मंगलवार को वीडियो सामने आया है। 30 सेकेंड के इस वीडियो में ग्रामीण हाथ में लाठी-डंडे लेकर दौड़ते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान एक ट्रैक्टर लोगों को कुचलता जा रहा है। घटनाक्रम शनिवार को हुआ है। यहां 70 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो परिवारों में विवाद हो गया था। दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले। इस बीच चाचा-भतीजे की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई।
मामले में पुलिस ने दो आरोपी राधेश्याम और राम नारायण को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को मुखबिर की सूचना पर परसोरा के जंगल से गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। वहीं, घटना में घायल हरि नारायण गुर्जर, राजू गुर्जर (35), दीप सिंह गुर्जर (24), कंचन गुर्जर (60) और बलराम गुर्जर (30) का हमीदिया अस्पताल में इलाज जारी है।
70 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद : ग्रामीणों के मुताबिक शुक्ला गांव में 70 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच के परिवारों में पुराना विवाद चला आ रहा था। पहले भी उनमें कई बार झड़पें हो चुकी है। हाल ही में इस जमीन पर बने साइलो का टेंडर खत्म होने पर उसे तोड़ा जा रहा है। जिसके बाद दोनों पक्ष इस जमीन पर कब्जे की कोशिशों में लगे थे। इस बीच शनिवार को पूर्व सरपंच के परिवार वालों को पता चला कि वर्तमान सरपंच का परिवार जमीन पर कब्जा कर रहा है। वहां ट्रैक्टर चलाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पूर्व सरपंच के परिवार के लोग मौके पर पहुंच गए। दोनों पक्षों में जमकर झड़प हुई। एक-दूसरे पर लाठी डंडे से हमला कर दिया। इस बीच वर्तमान सरपंच के पक्ष से रंगलाल और यशवंत समेत कई ग्रामीणों को ट्रैक्टर से कुचल दिया। जिसमें रंगलाल और यशवंत की मौत हो गई। जबकि कई ग्रामीण घायल हैं।

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