आॅल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (अकवऊऋ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि दिल्ली का संसद भवन और एयरपोर्ट जिस जमीन पर बना है, वह वक्फ बोर्ड की मिल्कियत है। कांग्रेस ने जहां बदरुद्दीन से सबूत मांगे, वहीं दिल्ली वक्फ बोर्ड ने बदरुद्दीन अजमल के दावे को नकार दिया। असम में जमीयत उलमा द्वारा आयोजित एक बैठक में एआईयूडीएफ नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने वक्फ संपत्तियों के मामले में सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने वक्फ बिल के खिलाफ बोलते हुए कहा कि नई संसद ही वक्फ की जमीन पर है, जो देने के बजाय सरकार बोर्ड की 9.7 लाख बीघा जमीन हड़पना चाहती है। ये जमीन मुसलमानों को सौंपी जाना चाहिए, ताकि हम समाज के लिए शिक्षा, हेल्थ और अनाथालय का इंतजाम हम खुद कर सकें। अजमल के इस बयान पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अगर उनके पास अपने दावे को लेकर कोई सबूत हैं तो वो जेपीसी के सामने पेश करें। वक्फ बोर्ड का ये जरूर कहना है कि एयरपोर्ट को लेकर इतना जरूर सुना है कि एयरपोर्ट के आसपास मजार थी, जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर दावा किया जाता है, पर एयरपोर्ट वक्फ की जमीन पर बना है… इसका कोई डॉक्यूमेंट नहीं है।