एमवाय हॉस्पिटल में 6.57 करोड़ से बर्न यूनिट का डेढ़ साल पहले बनाकर तैयार कर दिया गया, लेकिन अब तक इसे सर्जरी विभाग को हैंडओवर नहीं किया है। पहले लीकेज के कारण इसे बंद रखा गया। लीकेज ठीक हुए भी दो माह हो चुके हैं, लेकिन विभाग ने अभी इसे अपने अधीन नहीं लिया।
इसी वजह से पहली मंजिल पर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा, न ही ओटी शुरू की गई। दो माह पहले ही निर्माण एजेंसी ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सूचना दी थी कि लीकेज बंद कर दिया है। कॉलेज प्रशासन ने भी एमवायएच प्रशासन को निर्देश दिए थे कि बर्न यूनिट को लेने की औपचारिकताएं पूरी कर काम शुरू करें, लेकिन अभी वहां भी अनदेखी की गई।
लीकेज हो रहा था, लग गई थी फंगस
जब यह यूनिट बनी तभी से लीकेज की समस्या है। इसी वजह से दीवारों पर फंगस जमा हो गई थी और पहली मंजिल के बेड का उपयोग नहीं किया जा रहा था। यह हाईटेक यूनिट 28 बेड क्षमता की है। इसमें सिर्फ निर्माण कार्य पर ही 2.60 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। पुरानी कैजुअल्टी का नवीनीकरण यह दो मंजिला बर्न यूनिट बनी है। तल मंजिल कई महीनों से बंद है। बर्न के मरीजों में संक्रमण का खास तौर पर ध्यान रखना होता है, जबकि फंगस के कारण ओटी व आईसीयू में संक्रमण फैल रहा था। पिछले साल फरवरी में मुख्यमंत्री इसका लोकार्पण कर चुके हैं। दिसंबर 2023 में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पीआईयू पर सख्ती करते हुए लीकेज ठीक करने के लिए कहा। मार्च तक उन्होंने काम भी कर दिया लेकिन अधीक्षक ने इसे प्रक्रिया शुरू नहीं की।