आपरेटर को 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इससे शनिवार को बसें अपने निर्धारित रूट पर चलने लगीं। दरअसल, शहर में शुक्रवार को करीब 150 सिटी बसों के पहिए थम गए थे। इस वजह से यात्रियों को गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लगभग छह करोड़ 80 लाख रुपये का पेमेंट बकाया होने से आॅपरेटर नाराज चल रहे हैं, जिन्होंने बसों को चलाने से इंकार कर दिया। इसी वजह से रूटों पर कम बसें पहुंची तो लोगों को इंतजार करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार शहर में चल रही सिटी बसें मां एसोसिएट की है। एसोसिएट के मालिक अतुल जैन ने बताया कि पिछले कई दिनों का छह करोड़ 80 लाख रुपये बकाया थे। स्थिति यह हो गई थी कि बसों में ईंधन भरवाने के लिए भी पेमेंट नहीं था। इसके चलते बीसीएलएल से बसों का संचालन करने में असमर्थता जताई। शुक्रवार को बसें नहीं चलाई गईं। इसके बाद कुछ राशि का भुगतान बीसीएलएल ने कर दिया है। इसके चलते शनिवार से नियमित रूप से बसों का संचालन किया जा रहा है।
इन मार्गों पर दौड़ती
हैं बसें
भोपाल के 25 रूट पर कुल 368 बसें चलती हैं। ये बसें शहर के सभी क्षेत्र को कवर करती हैं। बैरागढ़ के पास चिरायु अस्पताल से लेकर अवधपुरी, न्यू मार्केट, अयोध्या बायपास, करोंद, एमपी नगर, मिसरोद, मंडीदीप, भोजपुर, नर्मदापुरम रोड, कटारा हिल्स, बैरागढ़ चिचली, कोलार रोड, गांधीनगर, बंगरसिया, रायसेन रोड, लांबाखेड़ा, नारियलखेड़ा, भौंरी समेत अधिकांश शहरी क्षेत्रों में चलती हैं।
प्रतिदिनि डेढ़ लाख यात्री : सिटी बसों में एक दिन में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं। इनमें करीब 60 हजार महिला यात्री हैं। नौकरीपेशा के अलावा छात्र भी बसों से आना-जाना करते हैं। किराये के रूप में उनके न्यूनतम सात और अधिकतम 42 रुपये लगते हैं। सभी बसों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और कैमरे लगे हैं।