नगर निगम में हुए सवा सौ करोड़ के फर्जी बील घोटाले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति के सदस्य भोपाल से इंदौर आकर साल 2010 से लेकर अब तक हुए भुगतान के रिकॉर्ड खंगाल रहे है। गुरुवार को उच्च स्तरीय जांच समिति के सदस्य नगर निगम मुख्यालय पहुंचे। निगमायुक्त शिवम वर्मा के कक्ष में जांच समिति के सदस्यों ने फाइल बनाने, बिल लगाने से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया समझी। मौके पर अधिकारियों के साथ निगम के खाते संभालने वाले बैंक के अधिकारियों को भी बुला लिया। बाद में आयुक्त को दस्तावेजों की सूची वाट्सएप पर दी और सभी कागज उपलब्ध करवाने के निर्देश दे दिए। उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता प्रमुख सचिव वाणिज्य कर अमित राठौर कर रहे हैं। जांच समिति में सदस्य के रूप में सचिव वित्त अजीत कुमार और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता भी शामिल हैं। इस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह, निगम कमिश्नर शिवम वर्मा, एडिशनल कमिश्नर सिद्धार्थ जैन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैंक मैनेजर से मांगे
लेन-देने के रिकॉर्ड
जांच समिति के अधिकारियों ने मौके पर स्टेट बैंक आफ इंडिया नगर निगम शाखा के बैंक मैनेजर को भी बुलाया। बैंक मैनेजर से 2010 से अब तक के संपूर्ण लेन-देन व भुगतान का रिकॉर्ड देने के लिए कहा है। यह वह भुगतान है जो ठेकेदारों को किया गया है। निगम के जिम्मेदार अधिकारियों से कहा कि 2020 से अब तक निगम में कितने ठेकेदार फर्म काम कर रही है उनकी सूची, पंजीयन आदि का रिकार्ड भी उपलब्ध करवाया जाए। इसी सूची के आधार पर आगे जांच और कार्रवाई की दिशा तय होगी।ऋ
सूची वाट्सएप की है…दस्तावेज भोपाल भेजे
निगम मुख्यालय पहुंचते ही जांच समिति ने आयुक्त शिवम वर्मा से कहा कि आपको एक सूची वाट्सएप की है। ये सारे दस्तावेज इकट्ठे करके जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं। मौके पर ही निगम के लेखा अधिकारी देवधर दरवाई को भी तलब किया। उन्हें भी दस्तावेजों की एक सूची सौंपी और सब उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया। बैंक अधिकारियों से लेकर आडिट के अमले को बुलाकर जानकारी ली गई।
घोटाले में निजी कंपनी के तीन प्रोपराइटरों पर केस दर्ज किया गया है। एमजी रोड थाना प्रभारी विजय सिसोदिया के मुताबिक कॉस्मो इंजीनियर प्रोपराइटर एहतेशाम खान बिल्किस निवासी मानिक बाग रोड, डायमंड एसोसिएट्स के प्रोपराइटर जाहिद खान निवासी सकीना अपार्टमेंट अशोक कॉलोनी, आईएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोपराइटर राजेंद्र शर्मा बल्दा कॉलोनी के रहने वाले तीन निगम ठेकेदारों के जांच के बाद में 420 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि तीनों ही कंपनियों के संचालकों द्वारा पे आॅर्डर की फाइल को फर्जी तरीके से तैयार किया गया और फिर नगर निगम के आॅडिट विभाग में प्रस्तुत किया गया था। जिसके बाद लाखों रुपए का लाभ लिया गया। जांच पड़ताल में दस्तावेजों के आधार पर नाम सामने आने के बाद में प्रकरण दर्ज किया गया है फिलहाल कितना रुपया इनके माध्यम से लिया गया है इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। इस पूरे मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि दो आरोपी फरार हैं। छठे प्रकरण के तीनों आरोपियों की तलाश जारी है।
मामले में अब तक 8 फर्मों द्वारा फजीर्वाड़ा किए जाने की बात सामने आई है। इन पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। वहीं आठ फर्मों की जांच जारी है। अगले एक-दो दिन में इन पर भी एफआइआर हो सकती है।