महापौर शारदा सोलंकी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है। उनके पाला बदलने की वजह उनके खिलाफ अभी कोर्ट में चल रहा केस है, जो 2022 के निकाय चुनाव में उनसे हारे भाजपा प्रत्याशी ने ही लगाया है। केस पर जल्द ही फैसला आने वाला है। सोलंकी को उम्मीद है कि भाजपा में आने के बाद उनके माथे पर लटक रही तलवार हटेगी।
महापौर शारदा सोलंकी पर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के जरिए चुनाव लड़ने का आरोप है। महापौर की भाजपा प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव ने प्रमाण-पत्र फर्जी बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। मामले में महापौर को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। वर्तमान में मामला सप्तम अपर सत्र न्यायालय मुरैना में है। 7 मई को फैसला होना है। इसी दिन वोटिंग होना है। उनके भाजपा में जाने की एक मुख्य वजह यह भी बताई जा रही है। याचिकाकर्ता मुकेश जाटव ने बताया कि सोलंकी ने कोर्ट के फैसले के डर से ही बीजेपी ज्वॉइन की है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 7 तारीख को मामले का फैसला होना है। कोर्ट की प्रक्रिया के दौरान महापौर 3 बार अपने बयान बदल चुकी हैं। यही कारण है कि फैसला उनके पक्ष में आने के बहुत कम चांस हैं, इसलिए उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है, ताकि आपसी समझौते के तहत मामला रफा-दफा हो सके।