Hindustanmailnews

आरजीपीवी के बाद जबलपुर में सामने आई गड़बड़ी… मेडिकल यूनिवर्सिटी में 9 करोड़ का एफडी घोटाला

भोपाल की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी के बाद अब प्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी, जबलपुर में 120 करोड़ रुपए की एफडी में घोटाला सामने आया है। आरोप है कि कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल, रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल और फाइनेंस कंट्रोलर रविशंकर डिकाटे ने 120 करोड़ रुपए की विभिन्न एफडीआर को मैच्योर होने के बाद भी कम ब्याज पर बैंक में जमा करके रखा। इन्हें रिन्यू नहीं कराया गया। इस कारण 9 करोड़ रुपए के ब्याज का नुकसान मेडिकल यूनिवर्सिटी को उठाना पड़ा। मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास परीक्षा शुल्क के 110 करोड़, संबद्धता शुल्क के 60 करोड़ हैं।
इधर, मुख्य सचिव वीरा राणा ने मामले में एसीएस को 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए तलब किया है। बता दें कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के आॅडिट में कहा गया कि एफडीआर को किसी भी सक्षम अधिकारी ने प्रमाणित नहीं किया है। कार्यपरिषद सदस्यों ने बैठक में ही अधिकारियों पर संबंधित बैंक से उपकृत होने के आरोप लगाए। कहा गया कि पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने के लिए कहा था, लेकिन कुलपति ने अपने अधिकारों का उपयोग कर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज सहित तीन अन्य लोगों की कमेटी बना दी है। मामले की जांच चल रही है। वहीं, एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने कहा कि आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा टेंडरों में भी गड़बड़ियां की जा रहीं हैं।
ध्यान रहे, करंट अकाउंट में जमा रखे करोड़ों रुपए एफडीआर की मैच्योरिटी डेट को रिन्यू नहीं कराया गया। इस कारण अगस्त 2022 में 30.96 करोड़, सितंबर 2022 में 9.11 करोड़, अक्टूबर 2022 में 34.54 करोड़, नवंबर 2022 में 26.83 करोड़, दिसंबर 2022 में 8.74 करोड़ व जनवरी 2023 में 10.81 करोड़ का नुकसान हुआ है। 8 स्कंध पंजी, डाक पंजी, मनी पासेज, स्टाम्प ड्यूटी आदि के सत्यापन में भी कई कमियां पाई गई है।

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights