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स्टेटस पड़ताल : ‘शताब्दी’ ने ‘वंदे भारत’ को पीछे छोड़ा

भोपाल से दिल्ली जाने वाले रेल यात्रियों को इन दिनों वंदे भारत से ज्यादा शताब्दी एक्सप्रेस पसंद आ रही है। यह हम इसलिए कह रहे हैं कि शताब्दी की आॅक्यूपेंसी वंदेभारत से बेहतर है। पिछले दो महीने की बात की जाए तो गाड़ी संख्या 12002 नई दिल्ली से रानी कमलापति शताब्दी एक्सप्रेस की आॅक्यूपेंसी 135 प्रतिशत है, वहीं 12001 रानी कमलापति से नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस की आॅक्यूपेंसी 117 प्रतिशत है, पर वंदेभारत की आॅक्यूपेंसी की बात की जाए तो इसकी क्रमश: 112 व 94 प्रतिशत है। बता दें कि रेलवे की यह रिपोर्ट पिछले दो महीने फरवरी और मार्च की है।
अधिक हॉल्ट और टाइमिंग है कारण- रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि वंदे भारत की आॅक्यूपेंसी कम है, उसकी आॅक्यूपेंसी बहुत बेहतर है, मगर शताब्दी की आॅक्यूपेंसी अधिक इसलिए है कि इसकी टाइमिंग और हॉल्ट अधिक हैं, जैसे- वंदे भारत आरकेएमपी से चलकर रास्ते में सिर्फ तीन स्टॉप पर ही हॉल्ट लेती है, वहीं शताब्दी 9 स्टॉप हैं। इसके अलावा वंदे भारत आरकेएमपी से जल्द सुबह निकलती है, वहीं शताब्दी दोपहर में होने के कारण इसमें अधिक लोग सफर कर पाते हैं।
पंक्चुअलिटी में वंदे भारत आगे – दोनों ट्रेन में पंक्चुअलिटी की बात की जाए तो इसमें वंदे भारत आगे है। पिछले 6 महीने की पंक्चुअलिटी में वंदे भारत गाड़ी संख्या 20171 आरकेएमी से हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत 84.4% है। इसी तरह 20172 हजरत निजामुद्दीन से आरकेएमपी वंदेभारत 71.6%, वहीं गाड़ी संख्या 12002 नई दिल्ली से आरकेएमपी वंदे भारत एक्सप्रेस की पंक्चुअलिटी 36.4% है। गाड़ी संख्या 12001 रानी कमलापति से नई दिल्ली शताब्दी 29.6 प्रतिशत रही है। बताया जा रहा है कि गाड़ी संख्या 12002 नई दिल्ली से आरकेएमपी जनवरी महीने में सिर्फ 4 प्रतिशत ही रह गई थी।

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