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मस्तक पर मणि जैसीचमकती रही सूरज की रोशनी

रामनवमी के खास मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में उस वक्त अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब प्रभु श्रीराम के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया। यह अलौकिक नजारा भक्ति से भावविभोर कर देने वाला था। जैसे ही प्रभु श्रीराम का सूर्य तिलक हुआ। पूरा मंदिर परिसर श्रीराम के नारे के उद्घोष से गूंज उठा। सोशल मीडिया पर यह सूर्य तिलक का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। रामनवमी के दिन रामलला की विशेष पूजा की गई, वहीं अयोध्या में भक्तों का जनसैलाब आया हुआ है। ठीक दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ। सूर्य तिलक होने के बाद भगवान श्रीराम की विशेष पूजा की गई और आरती उतारी गई। 2.7 एकड़ जमीन पर पारपंरिक नागर शैली में बने भव्य मंदिर में राम लला का आज पहला जन्मदिन मन रहा है। रामभक्त और उनकी राम भक्ति से पूरी अयोध्या नगरी रामधुन से सराबोर है। सुरक्षा के तमाम इंतजाम है।

जिस योग में जन्मे थे राम
उसी में सूर्य तिलक
वाल्मीकि रामायण के अनुसार… त्रेता युग में जब भगवान राम का जन्म हुआ तो उस दौरान सूर्य और शुक्र अपनी-अपनी उच्च राशि में थे और चंद्रमा स्वयं की राशि में था। खास बात है कि इस रामनवमी पर ऐसा ही संयोग बनने जा रहा है। शनि अपनी स्वराशि में रहेंगे। सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में रहेंगे। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार आज सूर्य तिलक के दौरान 9 तरह के शुभ योग और कई ग्रहों का ऐसा संयोग बनेगा, जैसा- त्रेता युग में श्रीराम के जन्म के समय बना था। सूर्य तिलक के दौरान सरल, काहल, वाशि, परिजात, रवियोग, गजकेसरी, शुभ और अमला योग बनेगा। इसके साथ ही ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी करेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी बधाई
यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे रामलला विराजमान हो चुके हैं। रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है।

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