दो दिन पहले बोहरा समाज के जमातखाने में पहुंचकर भाजपा और पीएम मोदी के पक्ष में नारे लगवाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बोहरा समुदाय किसी धार्मिक स्थल पर इस तरह की सियासी गतिविधि से सख्त नाराज दिखाई दे रहा है। इस मामले को लेकर रविवार रात को बड़ी संख्या में बोहरा समुदाय के लोग अलीगंज स्थित हैदरी जमातखाने में इकठ्ठे हुए। लोगों को संबोधित करते हुए दाऊदी बोहरा समुदाय के मुस्तुफा राजा ने कहा कि ईद के प्रोग्राम में हुईं सियासी गतिविधियों और जमातखाने को मस्जिद कहकर प्रचारित किए जाने की बात का खण्डन खुद आमिल साहब को सामने आकर करना चाहिए था।
राजा ने कहा कि समाज का जमातखाना सभी लोगों के लिए खुला है, इसमें सियासी दलों के लोग भी आते रहे हैं, लेकिन उन्हें मर्यादाओं में बांधकर रखना आमिल की जिम्मेदारी है। उन्होंने किसी को इस तरह की सियासी गतिविधि के लिए इजाजत दी, यह समुदाय के लिए असहनीय है। उन्होंने कहा- मस्जिद और जमातखाने के अलग-अलग हिस्सों और यहां की गतिविधियां मीडिया के सामने रखें। समुदाय के युवा और बुजुर्गों ने इस दौरान कहा कि मस्जिद सिर्फ नमाज और इबादत की जगह है, जबकि जमातखाने में समाज की मीटिंग, शादी-ब्याह और विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। 12 अप्रैल को ईद मिलन का प्रोग्राम भी जमातखाने में ही आयोजित किया गया था, जिसमें सबसे मुलाकात का उचित अवसर मानकर भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा भी पहुंचे थे, लेकिन बाद में इस जगह को मस्जिद कहकर प्रचारित कर दिया गया। इस बात से समाज में नाराजगी है।
जो सिंहासन पर है, वह सम्माननीय
आयोजन के दौरान आमिल जौहर अली द्वारा पीएम मोदी की तारीफ किए जाने पर समाज के लोगों ने कहा कि बात सिर्फ मोदीजी की नहीं है, हम देश के सर्वोच्च सिंहासन पर बैठे हर व्यक्ति को सम्मान देते आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे दर पर पीएम मोदी, उनके समर्थक आएं या राहुल गांधी या उनसे जुड़ा कोई व्यक्ति आएगा तो उसे भी इसी सम्मान से नवाजा जाएगा।