सरकारी सेवा में रहकर मां शक्ति की भक्ति में लीन रहे इंदौर के एसडीएम कौशल बंसल ने रिटायरमेंट के बाद बिजाना (शाजापुर) में 18 किलोमीटर लम्बी ओम आकार की पहाड़ी पर सर्व सिद्ध मां बगलामुखी तारा शक्ति पीठ बना दिया। जहां पापेश्वर महादेव महाकाल व 18 शक्तियों का दिव्य मंदिर है। इनके द्वारा पूर्व जन्म के पापों का नाश होता है और मनोकामनाए पूर्ण होती है और भाग्योदय होता है। जल्द ही यहां भव्य मंदिर आकार लेगा। जिसकी डिजाइन प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार की है जिन्होंने अयोध्या का राम मंदिर डिजाइन किया था।
चार दशक पहले जब नलखेड़ा में मां बगलामुखी मंदिर विकास समिति बनी थी तब बंसल वहां नायब तहसीलदार थे। तभी ठान लिया था कि जीवन आपको समर्पित कर दूंगा। बंसल ने अपनी और अपने मित्रों की 70 बीघा जमीन पर मंदिर की नींव 2012 में रखी थी। इसी साल जनवरी में रिटायर हुए थे। बिजाना की पहाड़ी पर सतयुगीन प्रतिमाएं थी। बंसल बताते हैं कि विवाह पश्चात शिव-पार्वती यहां घुमने आए थे जिसका कुमारिका क्षेत्र के रूप में उल्लेख शिव पुराण में भी है। यह सिद्ध मंदिर है। यहां पर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। भगवान महाकाल पापेश्वर महादेव, मां बगलामुखी, मां तारा और मां हरसिद्धि सहित 18 महाविद्या (श्री कुल की नौ माता और काली कुल की नौ माता) स्वयंभू विराजित हैं। यहां पर मुख्य में मां तारा नील सरस्वती के रूप में तथा दांए और बांए मां बगलामुखी और मां कमला विराजित हैं। देशभर में यह एकमात्र ऐसा सिद्ध स्थान है, जहां बगलामुखी ब्रह्मास्त्र विद्या का अनुष्ठान किया जाता है। मंदिर शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर ग्राम बिजाना में पहाड़ियों के बीच स्थित है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच यह पीठ अनादि काल से स्वयंभू स्थापित है, जिसका पुनर्निर्माण कौशल बंसल और बगलामुखी तारा पीठ के महंत कैलाश चंद्र शर्मा ने किया था। जिस धरा पर मां भगवती विराजित है उस (कुमारिका क्षेत्र) का वामन शिव महापुराण में मिलता है। यहां प्रचीन काल में सेवाएं देते रहे संत की समाधी है। मंदिर के ठीक सामने भैरव जी विराजित हैं। यहां कई बड़े राजनेता गुप्त रूप से साधना करने आते हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मंत्री कमल पटेल भी आए थे। अनुष्ठान करके गए। बंसल ने बताया कि मंदिर विस्तार होगा। तकरीबन 19 करोड़ की लागत आएगी। लाल पत्थर से मंदिर बनेगा। कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर के पास स्थित पहाड़ों में पत्थरों से मंदिर बनाया जा रहा है। जहां श्री राम दरबार, बाबा श्री नीम करौली महाराज, हनुमान जी की मूर्तियों को विराजित किया जाएगा।