छिंदवाड़ा जीतने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोक दी है। कमलनाथ और नाथ परिवार के करीबियों को भाजपा में लाने को सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने छिंदवाड़ा के मेयर विक्रम अहाके को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने 2022 के निकाय चुनाव में बीजेपी के अनंत धुर्वे को 3786 वोटों से मात दी थी। छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद्य किला है, जिसे बीजेपी 1997 में ही भेद पाई थी। 2014 और 2019 की मोदी लहर के बावजूद यहां कांग्रेस जीती, इसीलिए 400 पार का नारा देने वाली भाजपा ने छिंदवाड़ा को नाक का सवाल बना लिया है। कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों तक को तोड़ा गया। अब छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके ने नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए सोमवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्हें सीएम हाउस में सीएम डॉ. यादव और प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने विक्रम अहाके को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। अहाके रविवार से ही भोपाल में थे।
कौन हैं विक्रम अहाके – विक्रम अहाके कमलनाथ के करीबी माने जाते हैं, जो 30 साल की उम्र में छिंदवाड़ा के महापौर चुने गए। वह राजाखोह गांव के रहने वाले हैं। पिता नरेश अहाके किसान हैं। मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं। अहाके ने कांग्रेस को महापौर पद पर 18 साल बाद जीत दिलाई थी। उन्होंने बीजेपी के अनंत धुर्वे को 3,786 वोटों से मात दी थी। विक्रम को 64363 मत प्राप्त हुए थे और 60577 वोट अनंत धुर्वे को मिले थे।
37 हजार वोटों का था अंतर-नकुलनाथ 2019 में सांसद बने जरूर, लेकिन उनकी जीत का अंतर महज 37 हजार 536 मतों का रहा था, वहीं कमलनाथ भी सिर्फ 25 हजार वोटों से ही विधानसभा का उपचुनाव जीत पाए थे, जबकि इससे पहले नाथ परिवार की जीत का अंतर लाखों में रहता था। कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सैयद जफर भी बीजेपी में शामिल हो गए थे।