इंदौर। राजस्व प्रकरणों के निराकरण को तेजी देने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने पूरी ताकत झौंक दी है। लगातार बैठक, हिदायत, समझाइश और चेतावनी के बावजूद राजस्व का अमला सुधर नहीं रहा है। इसीलिए आरआई और पांच पटवारी को निलंबित करने के बाद अब सिंह ने नायब तहसीलदार और तहसीलदारों पर अपने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने किसी की सात दिन की तनखा राजसात की तो किसी की महीनेभर की। हालांकि मैदानी स्तर पर अब भी इन तहसीलों में ऐसे लोग जमा हैं जो सुधार के पक्षधर नहीं है। क्योंकि इससे उनकी दुकानदारी ठप हो रही है।
कलेक्टर ने पिछलों दिनों अपर कलेक्टरों से जांच कराई थी। इसमें तहसील कार्यालयों में पेंडिंग प्रकरणों की संख्या अच्छी खासी मिली। जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने कनाड़िया तहसीलदार योगेश मेश्राम, जूनी इंदौर तहसीलदार जगदीश रंधावा, मल्हारगंज तहसीलदार शैवाल सिंह व नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा की एक-एक महीने की तनखा राजसात की गई। इसके साथ ही इन पर डीई बैठाई गई। खुड़लै नायब तहसीलदार जितेंद्र सोलंकी, सांवेर के नायब तहसीलदार चौखालाल टांक, हातोद तहसीलदार शिखा सोनी, बेटमा नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान की एक सप्ताह की तनखा रोकी।
इंदौर। राजस्व प्रकरणों के निराकरण को तेजी देने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने पूरी ताकत झौंक दी है। लगातार बैठक, हिदायत, समझाइश और चेतावनी के बावजूद राजस्व का अमला सुधर नहीं रहा है। इसीलिए आरआई और पांच पटवारी को निलंबित करने के बाद अब सिंह ने नायब तहसीलदार और तहसीलदारों पर अपने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने किसी की सात दिन की तनखा राजसात की तो किसी की महीनेभर की। हालांकि मैदानी स्तर पर अब भी इन तहसीलों में ऐसे लोग जमा हैं जो सुधार के पक्षधर नहीं है। क्योंकि इससे उनकी दुकानदारी ठप हो रही है।