भाजपा में जाकर कांग्रेसियों ने कमजोर की बम की बारूद…………
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रामकिशोर शुक्ला ने भाजपा का दामन थामकर महू को कांग्रेसी कुनबे के लिए अनाथ कर दिया। शुक्ला पर भरोसा जताने की सजा अंतरसिंह दरबार पहले ही निर्दलीय लड़कर कांग्रेस आला कमान को दे चुके थे। महीने भर पहले वे भी भाजपा में शामिल हो गए। ऐसे में महू की स्थिति भी इंदौर-2, इंदौर-4, इंदौर-5, सांवेर, देपालपुर जैसी हो गई है। जहां कांग्रेस करीब-करीब खत्म हो चुकी है। आगामी चुनावों में यदि मुकाबला होगा भी तो भाजपा का भाजपा से ही। अंतरसिंह दरबार के बाद महू में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके रामकिशोर शुक्ला ने बीजेपी में आकर महू को कांग्रेस मुक्त कर दिया। अब मतदाताओं के मन में एक ही सवाल है। यदि कांग्रेस के सारे कलंदर भाजपा में आ जाएंगे तो अगली बार चुनाव में उनके सामने लड़ेगा कौन? फिलहाल कुनबा बढ़ाने में जुटी भाजपा आला कमान को भी ऐसे सवालों से फर्क नहीं पड़ता। उनके नेता ही कहते हैं कि बाद की बाद में सोचेंगे। अभी तो कांग्रेस कमजोर हो रही है ना…। कांग्रेसियों के बल्क में भाजपा में आने से भाजपा की विचारधारा भी संकट में है। जिसके दम पर वह हिदुओं के दिल में जगह बनाने में कामयाब रही है।
देपालपुर : यहां लड़ाई जगदीश पटेल और निर्भय सिंह पटेल के बीच रही। बाद में उनके बेटों मनोज पटेल और विशाल पटेल में तब्दील हो गई। बीच में सत्यनारायण पटेल आए जरूर थे। 2008 से 2023 के बीच आधा दर्जन चुनाव लड़कर हार चुके सत्तू सियासत से करीब-करीब सन्यास ले चुके हैं जबकि विशाल पटेल भी भाजपा में शामिल हो गए। ऐसे में अब टिकट को लेकर मारामारी विशाल और मनोज में मचेगी।