Hindustanmailnews

विस्तार और लागत के मामले में एमपीआरडीसी का सबसे महंगा प्रोजेक्ट …….16 करोड़ में एक किमी के हिसाब से सिक्सलेन होगा इंदौर-उज्जैन फोरलेन

इंदौर। इंदौर से उज्जैन के बीच फोरलेन को सिक्सलेन बनाने की दिशा में मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने गुरुवार को टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर में 45.475 किलोमीटर लम्बी इस सड़क के लिए 735.36 करोड़ की अनुमानित लागत आंकी गई है। मतलब 16.17 करोड़ रुपए/किलोमीटर।
इंदौर-देवास सिक्सलेन के बाद यह क्षेत्र की दूसरी सबसे महंगी सड़क होगी। 48 किलोमीटर लम्बे इस हाईवे को 19.54 करोड़ रुपए/किलोमीटर के हिसाब से बनाया गया था। हालांकि, टेंडर ओपन करने की तारीख 15 अप्रैल तय है, इसीलिए लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के तहत टेंडर प्रक्रिया का प्रभावित होना भी तय है। इस पर जून में ही फैसला हो पाएगा। 20 फरवरी, 2024 को लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहुजा ने 45.475 किलोमीटर लम्बे इंदौर-उज्जैन रोड (अरबिंदो अस्पताल से उज्जैन के हरिफाटक) के विस्तार के लिए हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर 1692 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद 7 मार्च को इसका टेंडर प्रकाशित हुआ, जिसमें प्रोजेक्ट की लागत 735.36 करोड़ आंकी गई है, जो लागत के हिसाब से रीवा-हनुमना (736.7 करोड़) आरडीसी का दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है, लेकिन प्रति किलोमीटर के हिसाब से सबसे महंगी सड़क, क्योंकि 89.9 किलोमीटर लम्बी रीवा-हनुमना रोड 8.19 करोड़/किमी में बनी, जबकि उज्जैन रोड की लागत 16.17 करोड़ है। इंदौर-देवास सिक्सलेन इससे 3 करोड़ करोड़ रुपए महंगा है, लेकिन वह एनएचएआई का काम था।
15 अप्रैल तक इच्छुक कंपनियां टेंडर डॉक्यूमेंट पर्चेस कर सकेंगी। 16 अप्रैल को टेक्निकल बिड ओपन होगी। इसके बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। चूंकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सप्ताहभर में आचार संहिता लगना है। आचार संहिता में काम होंगे नहीं, इसीलिए संभवत: प्रस्तावों पर जून में आचार संहिता खत्म होने के बाद फैसला लिया जाएगा। काम के लिए एमपीआरडीसी ने 24 महीने की समयसीमा तय की है। कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की मानें तो अगस्त के आसपास काम शुरू हो सकता है।
298 करोड़ में बना था फोरलेन
इंदौर-उज्जैन फोरलेन 48.9 किलोमीटर लम्बा बना था। 2008-09 में 298 रुपए में काम महाकालेश्वर टोलवेज प्रालि नाम की कंपनी को सौंपा गया था।
सिंहस्थ में मिलेगा फायदा…
हाईवे चौड़ा होने का फायदा सिंहस्थ-2028 में मिलेगा। जब 15 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान है। ओंकारेश्वर जाने वालों को भी इंदौर होकर ही आना-जाना पड़ता है। यही वजह है कि इंदौर-उज्जैन हाईवे पर वाहनों का दबाव कई गुना बढ़ जाता है और सिंहस्थ के दौरान बार-बार ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा होती है। 2023 सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना उज्जैन-इंदौर रोड पर ही हुई। यातायात पुलिस के अनुसार 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक 226 दुर्घटना में 210 लोग घायल हुए और 22 की मृत्यु हुई।

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights