विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर सात टन फूलों से पुष्प सज्जा की जाएगी। इसके लिए बेंगलुरु के कृष्णमूर्ति रेड्डी के निर्देशन में 50 से अधिक कलाकारों का दल उज्जैन पहुंचा है। यह कलाकार तिरुपति बालाजी सहित देश के प्रमुख मंदिरों में पुष्प सज्जा कर चुके हैं।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर भक्तों को ढाई किलो मीटर पैदल चलने के बाद भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। भक्तों को नृसिंह घाट स्थित कर्कराज पार्किंग, झालरिया मठ, चारधाम आश्रम, शक्तिपथ, महाकाल महालोक होते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। मार्ग में भीड़ नियंत्रण के लिए जिगजेग का निर्माण किया गया है। प्रशासन को दावा है कि महापर्व पर भक्तों को 45 से 60 मिनट में भगवान के दर्शन होंगे। महाशिवरात्रि पर करीब दस लाख भक्तों के भगवान महाकाल के दर्शन करने आने का अनुमान है।
कर्कराज पार्किंग से महाकाल महालोक तक बैरिकेडस लगाए गए हैं। छांव के लिए शामियाने तथा धूप के कारण श्रद्धालुओं के पांव ना जले इस हेतु कारपेट बिछाए गए हैं। दर्शनार्थियों के लिए पेयजल, शौचालय, जूता स्टैंड आदि की सुविधा भी निशुल्क उपलब्ध रहेगी। कर्कराज पार्किंग से दर्शन की कतार में लगने के बाद श्रद्धालुओं को अधिकतम एक घंटे में भगवान महाकाल के दर्शन होंगे।
गणेश मंडपम में एक साथ 15 कतार चलाने की योजना- महाशिवरात्रि पर देशभर से आने वाले दर्शनार्थियों को गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए गणेश मंडपम में एक साथ 15 कतार चलाई जाएगी। जिससे एक साथ सैकड़ों भक्त भगवान के दर्शन करते हुए नए एक्जिट द्वार से मंदिर के बाहर निकलेंगे। इन दर्शनार्थियों को बड़ा गणेश मंदिर के सामने से हरसिद्धि चौराहा होते हुए कर्कराज पार्किंग व चारधाम की ओर निर्गम किया जाएगा।