कोटा में नीट की तैयारी कर रही छात्रा की किडनैपिंग केस में पुलिस के हाथ अब तक खाली है। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से फोन पर बात की है। उन्होंने जल्द से जल्द छात्रा को सुरक्षित घर पहुंचाने की बात कही है। लड़की मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली है।
इधर, छात्रा की तलाश और आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया है। दिल्ली और इंदौर भी टीम को भेजा गया है। किडनैपर ने छात्रा के पिता से 30 लाख रुपए फिरौती मांगी है। रुपए नहीं देने पर छात्रा को जान से मारने की धमकी दी है। हालांकि केस में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं।
जानिए क्या
है पूरा मामला
दरअसल, कोटा में नीट की तैयारी कर रही काव्या धाकड़ (20) के अपहरण का मामला सोमवार को सामने आया था। वह मूल रूप से शिवपुरी (टढ) के बैराड़ की रहने वाली है। किडनैपर ने छात्रा के पिता रघुवीर धाकड़ को मैसेज कर फोटो भेजा था। फोटो में छात्रा को रस्सी से बांधा हुआ था।
मैसेज के जरिए 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम नहीं देने पर छात्रा को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद पिता कोटा आए और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। छात्रा की मां भी कोटा आई। पुलिस ने दोनों के बयान लेकर जांच शुरू की, जिसके बाद हर सवाल पर एक सवाल खड़ा हो गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की और कहा कि पुलिस जल्द से जल्द तहकीकात कर हमारी बेटी को वापस लाए।
घटना की जानकारी मिलने के बाद केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की और कहा कि पुलिस जल्द से जल्द तहकीकात कर हमारी बेटी को वापस लाए।
मामले की जांच कर रहे कोटा के विज्ञान नगर थाने के सीआई सतीश कुमार से बात की। सीआई ने बताया कि शिवपुरी से छात्रा के माता-पिता कोटा आए हैं। पिता ने बताया कि बेटी 2019-20 में भी कोटा में भी नीट की तैयारी के लिए आई थी, लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हुआ था। नए सेशन के लिए अगस्त 2023 में अपनी मां के साथ कोटा आई थी। माता-पिता ने छात्रा की कोचिंग (फिजिक्सवाला) और हॉस्टल (पारस) बताया था। इस पर दोनों को कोचिंग और हॉस्टल लेकर गए। चौंकाने वाली बात सामने आई कि दोनों ही जगह छात्रा का एडमिशन नहीं था। सीआई ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने और लड़की की तलाश की जा रही है। फिलहाल मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
कोचिंग के नाम पर प्राइवेट नंबर से मैसेज
पिता रघुवीर धाकड़ ने बताया था कि बेटी का मां पीडब्लू कोचिंग में एडमिशन करवाकर गई थी। मामले में कोचिंग के कोटा कैंपस हेड दिनेश जैन ने बताया कि छात्रा का कोचिंग में एडमिशन नहीं हुआ। अगर एडमिशन होता तो हमारे रिकॉर्ड में होता। वह कोर्स की जानकारी लेकर भी जाते तो हमारे पास डिटेल होती।