करीब दो माह पहले शुरू हुआ बीआरटी कॉरिडोर हटाने का काम बेतरतीब तरीके से हो रहा है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने अपने-अपने हिस्से की रेलिंग हटाने के लिए एजेंसी तय कर दी, लेकिन सड़क के बीच में बने बस स्टॉप और बिजली पोल हटाने के लिए कोई प्लान ही नहीं बना। नतीजा रेलिंग हटाने के बाद भी ट्रैफिक जाम के हालात् बने हुए हैं। अब तक लगभग 10 किमी कॉरिडोर हटाया जा चुका है, लेकिन 48 में से केवल 18 बस स्टॉप ही हटे हैं, यानि 30 बस स्टॉप सड़क के बीच में जमे हुए हैं। बैरागढ़ में पूरे 5 किमी का कॉरिडोर हट गया, लेकिन 4 बस स्टॉप अब भी सड़क के बीच में खड़े हैं।
सीएम के निर्देश पर शुरू हुआ था काम
कॉरिडोर हटाने के निर्देश खुद सीएम डॉ. मोहन यादव ने 26 दिसंबर, 2023 को दिए थे। इसके करीब एक महीने बाद 20 जनवरी से बैरागढ़ से कॉरिडोर हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन इस एक महीने में संबंधित एजेंसियों में समन्वय के लिए कोई प्रयास नहीं हुए। ऐसे में बारबार बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने काम भी रोकना पड़ता है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की ओर से बार-बार कहने के बाद भी बस स्टॉप हटाने का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
बस स्टॉप के लिए जगह ढूंढ़ना आसान नहीं
एक खास बात यह भी है कि बस स्टॉप हटाने के बाद कहां लगाना है… इसकी कोई जगह निर्धारित नहीं है। जिस कंपनी ने पीपीपी आधार पर बस स्टॉप लगाए हैं, उसे ही यह तय करना है कि सड़क के किनारे आसपास बस स्टॉप कहां लगा दिए जाएं। ग्रीन बेल्ट, साइकिल ट्रैक और फुटपॉथ आदि के कारण बस स्टॉप के लिए सड़क किनारे जगह ढूंढ़ना भी आसान नहीं है। कंपनी अपनी मर्जी से बस स्टॉप लगाएगी, जो बाद में ट्रैफिक जाम का कारण भी बन सकते हैं। कंपनी का दावा है कि बैरागढ़ जोन से पूरे बस स्टॉप हटा दिए गए हैं, जबकि हकीकत यह है कि बैरागढ़ जोन के 14 बस स्टॉप में से अब तक महज 10 बस स्टॉप ही हटाए गए हैं। जब कंपनी संचालक दीपक चौहान को हलालपुर बस स्टैंड के सामने मौजूद बस स्टॉप के फोटो भेजे तो उन्होंने कहा कि यह बस स्टॉप आज रात में हट जाएंगे। अगर कॉरिडोर को तीन हिस्सों में बांटा जाए तो बैरागढ़ से जीएडी चौराहा, कमला पार्क से रोशनपुरा और होशंगाबाद रोड पर कॉरिडोर हटाने का काम चल रहा है, लेकिन इनमें से एक ही जोन कमला पार्क से रोशनपुरा चौराहे के बीच महज 4 बस स्टॉप थे, इन्हें हटा दिया गया है।