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कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पचौरी सहित पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल भाजपा में

इंदौर-1 और देपालपुर में भी भाजपा का कॉम्पीटिशन लगभग खत्म……..

इंदौर। भारत जोड़ने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब से न्याय यात्रा शुरू की तब से उनके नेताओं ने पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया था। मणिपुर से सिलसिला शुरू हुआ। मप्र में भी कायम रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मप्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी, धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, इंदौर-1 के पूर्व विधायक संजय शुक्ला और देपालपुर के पूर्व विधायक विशाल पटेल ने शनिवार सुबह भाजपा ज्वाइन कर ली। राजनीतिक संत की संज्ञा देकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पचौरी को पार्टी का हिस्सा बनाया। बोले उनकी जगह कांग्रेस जैसी सनातन विरोधी पार्टी में नहीं है। इस राजनीतिक उठापटक ने इंदौर-1 और देपालपुर को सांवेर, इंदौर-2 और इंदौर-4 की तरह करीब-करीब प्रतिद्वंदी मुक्त कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अध्यक्ष कमलनाथ सहित एक दर्जन विधायकों के भाजपा में शामिल होने की प्लानिंग विफल रही। इसके बाद पचौरी व उनके सहयोगी भाजपा नेताओं के संपर्क में आए। शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वी.डी.शर्मा की मौजूदगी में पचौरी, राजूखेड़ी, शुक्ला, पटेल, अर्जुन पलिया और भोपाल कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा भी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। भाजपा का हिस्सा बने। कांग्रेस की सरकार में पचौरी कई मंत्रालयों के केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन, पार्टी के जमीनी स्तर के संगठन कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे। दूसरे बड़े नेता गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी हैं, जो तीन बार धार से सांसद रहे हैं।
बदलेगी इंदौर की राजनीति…
इंदौर-1 के पूर्व विधायक संजय शुक्ला के साथ ही देपालपुर के पूर्व विधायक विशाल पटेल भी भाजपा में शामिल हुए। शुक्ला ने 2018 में दो बार के विधायक सुदर्शन गुप्ता को शिकस्त दी थी। 2022 में पुष्यमित्र भार्गव से महापौर चुनाव और 2023 में कद्दावर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय से भारी मतों से हारे। 2018 में नर्मदा-गंभीर जैसी महत्वपूर्ण योजना के बावजूद विशाल पटेल ने मनोज पटेल को मात दी थी। 2023 में त्रिकोणीय मुकाबला होने के बाद भी हारे। दोनों को भाजपा की सदस्यता दिलाने में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका अहम है। विजयवर्गीय ने इससे इंदौर-1 और देपालपुर में राजनीतिक प्रतिद्वंदता करीब-करीब समाप्त कर दी। क्योंकि इंदौर-1 में शुक्ला से पहले ही कमलेश खंडेलवाल भाजपा में जा चुके हैं। इंदौर-5 से लगातार दूसरी बार हारने के बाद सत्यनारायण पटेल राजनीतिक सन्यास की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस मोतीसिंह को पहले ही बाहर कर चुकी है। पटेल भीतरघातियों से परेशान थे। शुक्ला को अवैध खनन में 140 करोड़ का नोटिस मिला था। खजराना में उनकी कॉलोनी संकट में थी।

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