मजाक, तंज, अपमान या सियासी चूक… इन सभी के बीच महीन-सी रेखा होती है, जो दिखती तो नहीं, लेकिन जरा-सी भूल होने पर भारी नुकसान की नींव रख देती है। ऐसा नहीं कि नेता या सियासी गलियारों में भद्दी भाषा का इस्तेमाल नहीं होता… आए दिन वही होता रहता है।
तंज कब अपने फायदे के बजाय, दूसरे का फायदा बन जाए, इसका ख्याल रखना बेहद जरूरी है। कांग्रेस जितना जल्द ये सीख लेगी, उसके लिए उतना अच्छा रहेगा। रविवार को मुंबई की रैली में राहुल गांधी ने ‘शक्ति’ वाला बयान जो अब भी सुर्खियों में है। पीएम मोदी ने बयान को हथियार बनाया। साउथ की हर रैली से हमला बोला। शक्ति को नारी शक्ति और सनातन शक्ति से जोड़ दिया। राहुल को बैकफुट पर आना पड़ा। ‘शक्ति’ पर सफाई देना पड़ी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 17 मार्च को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के अवसर ये बातें कहीं थीं। बोले थे हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं। हम एक शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है… वो शक्ति क्या है?