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12 हैक्टेयर में नागरशैली में बनाया जाएगा ओंकारेश्वर म्यूजियम, लागत डेढ़ हजार करोड़, घूमने में 3 घंटे का समय लगेगा, मार्च से शुरू होगा काम

ओंकारेश्वर में डेढ़ हजार करोड़ रुपए की लागत से नागर शैली में म्यूजियम 12 हैक्टेयर में तैयार होगा। इसका काम इस साल मार्च से शुरू होगा जो 2027 में पूरा होगा। आदि शंकराचार्य को समर्पित इस म्यूजियम में उनके दक्षिणामूर्ति स्वरूप को भी दशार्या जाएगा। इसमें वे वटवृक्ष के नीचे बैठे नजर आएंगे। म्यूजियम में स्वर्ण आंवला की वर्षा के प्रसंग को भी शामिल किया है। इसमें आंवला नवमीं के दिन ही आदि शंकराचार्य ने एक वृद्धा की गरीबी दूर करने के लिए स्वर्ण के आंवलों की वर्षा करवाई थी।
म्यूजियम में घूमने में ही लगभग तीन घंटे का समय लगेगा। खास बात यह है कि यहां माया होलोग्राम भी नजर आएगा। यह एक तरह से जीवन और मृत्यु का चक्र है। इसमें प्राणियों की उत्पत्ति से लेकर विलय तक के दृश्य विभिन्न झांकियों में दिखाए जाएंगे। इसमें डिजिटल तकनीक का उपयोग भी होगा।
अयोध्या के राम मंदिर जैसे पत्थरों का उपयोग- म्यूजियम को बनाने में अयोध्या में जिस तरह के लाल पत्थरों का उपयोग किया है उसी का उपयोग यहां भी किया जाएगा। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के बंसी पहाड़पुर गांव के पत्थरों का उपयोग यहां होना है। इसकी चमक सैकड़ों साल तक रहती है। यहां पिंक स्टोन का उपयोग दीवारों में भी होगा। नीचे लाल पत्थर लगाया जाना है। हिमाचल की गंजीफा शैली भी शामिल… यहां बनने वाली विभिन्न गैलेरी में अलग-अलग शैलियों की पेंटिंग्स भी लगाई जाएंगी।

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