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हड़ताल ने बिगाड़ा रसोई का गणित

इंदौर। पहले से महंगाई की मार झेल लोगों के लिए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई हड़ताल ने कमर तोड़कर रख दी है। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सब्जियों पर पड़ा। सब्जियों के भाव दुगने से तीन गुना तक हो गए। हड़ताल खत्म होने से फिर भाव कम होना शुरू हो गए हैं।
हिट एंड कानून के विरोध में बस आॅपरेटर और ट्रक चालकों द्वारा की गई हड़ताल का रोजमर्रा की वस्तुओं पर खासा असर पड़ा।। खासतौर पर सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए। सब्जियों की आवक नहीं होने से सब्जियों के भाव दो से तीन गुना बढ़ गए। मंडियों में तो सब्जियों के भाव में इजाफा हुआ ही… खुदरा भाव में भी सब्जियां काफी ऊंचे दाम पर बिकीं।

देवी अहिल्याबाई होलकर फल एवं सब्जी मंडी से मिली जानकारी के अनुसार हड़ताल के पहले टमाटर के भाव 300 रुपए कैरेट थे, जो हड़ताल के दौरान 800 रुपए कैरेट तक पहुंच गए थे। इसी प्रकार बटला 25-30 रुपए से बढ़कर 50 रुपए किलो के आसपास पहुंच गया था। भिंडी के भाव 30-40 रुपए किलो से बढ़कर 50 के करीब पहुंच गए थे, वहीं गिलकी 25 से 30 रुपए किलो बिकी, पहले इसके थोक भाव 20 रुपए किलो थे। 10 से 12 रुपए बिकने वाली लौकी के भाव 20 रुपए के आसपास पहुंच गए। 25 रुपए किलो वाली शिमला मिर्ची 50 रुपए तक बिकी, धनिया 50 से 60 रुपए किलो बिका, जो हडताल के पहले 30 रुपर किलो था। इसी प्रकार पत्तागोभी 10 से 15 रुपर किलो बिकी, पहले इसका भाव 5-10 रुपर किलो था। चवला 20-25 रुपए किलो से बढ़कर 35 रुपए किलो तक बिका। ग्वारफली 60 रुपए किलो तक बिकी हड़ताल के पहले भाव 40 से 50 रुपए किलो तक था।

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