भोपाल के जीजी फ्लाईओवर ब्रिज (गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक) से अप्रैल तक ट्रैफिक शुरू हो सकता है। ब्रिज के दोनों ओर एंटर पॉइंट पर स्लैब और फिनिशिंग के काम अंतिम दौर में हैं। इधर, एमपी नगर से डाक भवन के बीच ब्रिज के स्लैब और सर्विस लेन के काम में भी तेजी लाई गई है। पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि सर्विस लेन बनते ही एमपी नगर का करीब 60 प्रतिशत ट्रैफिक ब्रिज से ही गुजरेगा। इससे पीक आॅवर्स में लगने वाले जाम से राहगीरों को राहत मिलेगी।
कुल 138 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर का काम 20 दिसंबर 2020 को शुरू हुआ था। इसे दो साल में यानी दिसंबर 2022 तक इसे बनकर तैयार होना था, लेकिन कोरोना काल, नर्मदा लाइन की शिफ्टिंग नहीं होने समेत अन्य अड़चनों की वजह से फ्लाई ओवर पूरा नहीं हो सका। पाइप लाइन शिफ्टिंग की अड़चन अक्टूबर-नवंबर में दूर कर ली गई थी। इसके बाद काम में तेजी आई।
200 मीटर का थर्ड लेन पर ज्यादा जोर- अफसरों ने बताया कि ब्रिज का काम 90% से ज्यादा हो चुका है। शेष बाकी काम में फिनिशिंग, एंटर पॉइंट पर स्लैब और सर्विस लेन का निर्माण ही बचा है। दूसरी ओर, एमपी नगर से डाक भवन के बीच करीब 200 मीटर की थर्ड लेन पर ज्यादा जोर है। यह काम दो महीने के भीतर निपटाने पर जोर है। ताकि, अप्रैल के आखिरी सप्ताह तक ब्रिज से ट्रैफिक की शुरूआत कर दी जाए।
2734 मीटर लंबा है ब्रिज- 15 मीटर चौड़े इस ब्रिज की लंबाई 2734 मीटर (करीब पौने तीन किमी) है। इसमें 2534 मीटर की मुख्य लेन है, जबकि 200 मीटर का थर्ड लेन है जहां फ्लाई ओवर का ट्रैफिक दो भागों में बंटेगा।
पीक आॅवर्स में यह बनती है तस्वीर
पीक आॅवर्स यानी सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 से रात 8 बजे के बीच इतनी दूरी तय करने में करीब 20 मिनट तक लग जाते हैं। दिन में भी ट्रैफिक का दवाब रहता है। इस फ्लाई ओवर के पास ही मेट्रो का काम भी चल रहा है। इस कारण भी जाम की स्थिति बनती है। फ्लाई ओवर बनने के बाद ये दूरी महज 5 मिनट में पार की जा सकेगी। अनुमान के अनुसार, एमपी नगर की मुख्य सड़क का 60 ट्रैफिक फ्लाई ओवर से ही गुजर जाएगा।