हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
प्रदेश का वित्त विभाग वित्तीय इंटेलिजेंस सिस्टम में सुधार करेगा। सरकार ने यह फैसला 85 लाख पे बिल्स से किए गए 15 करोड़ रुपए के भुगतान की डेटा एनालिसिस करने के बाद लिया है। गलत पेमेंट का पहला मामला इंदौर में पकड़ा गया है। विभाग ने 162 करोड़ रुपए का गलत पेमेंट अधिकारियों द्वारा किया जाना पाया है। इसके विपरीत वसूली नाममात्र राशि की हो सकी है। इसे देखते हुए वित्त विभाग ने सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को वित्तीय अनुशासन का पालन करने, भुगतान में सतर्कता रखने और संवेदनशीलता के साथ भुगतान संबंधी कार्य करने के निर्देश दिये हैं। भुगतान संबंधी लापरवाही के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर सजा दिलाई जायेगी।
वित्त विभाग में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली का साफ्टवेयर संचालित है। इसके माध्यम से लगभग 5600 आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा पे बिल के भुगतान किये जाते हैं। इनमें प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों के वेतन एवं विभिन्न स्वत्वों के भुगतान, कार्यालयीन व्यय, अनुदान, स्कालरशिप आदि के भुगतान भी शामिल हैं। इस बीच सरकार के संज्ञान में आया है कि गलत भुगतान के कई बार नुकसान की स्थिति बनती है। विभाग द्वारा डेटा एनालिसिस एवं इंटेलीजेंस टूल्स का उपयोग करते हुए कुछ कार्यालयों में गलत भुगतान के गंभीर प्रकरण पाए गए हैं और ऐसे मामलों में कार्रवाई की गई है।
15 करोड़ पेमेंट का हुआ एनालिसिस- विभाग द्वारा पिछले पांच वित्तीय वर्षों में 85 लाख पे बिल से हुए लगभग 15 करोड़ भुगतानों का एनालिसिस किया गया। इसमें करप्शन की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है। डेटा के विश्लेषण के लिये मापदण्ड अपनाए गये। गलत भुगतान का पहला प्रकरण कलेक्टर कार्यालय इंदौर में सामने आया। अब तक लगभग 162 करोड़ रुपये के गलत भुगतान पकड़े गये और 15 करोड़ रुपये की वसूली की गई। जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है।