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रेलवे ने पैरा-एथलीटों को अलॉट कर दी ऊपर की सीट!

भारतीय रेलवे में सिस्टम और इस सिस्टम को चलाने वाले बाबुओं की समझ और संवेदनहीनता का इससे बेहतरीन नमूना शायद आपने नहीं देखा होगा! शहर के पैरा-एथलीटों को भारतीय रेलवे की तरफ से ट्रेन से यात्रा करते समय ऊपर की बर्थ अलॉट की गई थी।
ये एथलीट गोआ में 22वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप से लौट रहे थे। ऐसे में अब विकलांग एथलीट को जो मुश्किल हुई उसका दर्द तो सिर्फ वही समझ सकते हैं। ऊपर से जब टीटीई से बात की गई तो उनकी तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली। इसके अलावा रेल अधिकारियों की तरफ से भी कोई जवाब नहीं मिल सका। गोआ में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतने वाली पैरा-एथलीट सुवर्णा राज ने कहा कि कोई राष्ट्रीय एथलीट हो सकता है, देश को गौरवान्वित कर सकता है, लेकिन उनके साथ तीसरे दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार किया जा रहा है। सुवर्णा राज भी उन एथलीट में शामिल थीं, जिन्हें अपर बर्थ अलॉट की गई थी। उन्होंने बुकिंग के समय अपनी विकलांगता के बारे में बताया था, लेकिन फिर भी उन्हें थ्री-टियर एसी डिब्बे में आरएसी के तहत अपर बर्थ अलॉट की गई। उन्होंने इस संबंध में टीटीई से संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। सुवर्णा राज ने कहा कि जब हमने यात्रियों से सीटें बदलने के लिए कहा तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने पूछा कि अगर हमें विशेष सीटें चाहिए थीं तो हमने पहले से टिकट क्यों नहीं बुक किए? एक अन्य पैरा-एथलीट, गजेंद्र पाल ने कहा कि विकलांग व्यक्ति के लिए ट्रेन में यात्रा करना एक भयानक अनुभव है।

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