अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चित्रकूट में भगवान राम वन गमन पथ को लेकर आठ जिलों में कराए जाने वाले कार्यों के सिलसिले में मंगलवार को बैठक बुलाई है। बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री दिल्ली से सीधे चित्रकूट जाएंगे।
चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में होने वाली बैठक के लिए जो एजेंडा तय किया गया है, उसमें न्यास से संबंधित जानकारी का प्रजेंटेशन होगा। इसके बाद न्यास क्षेत्र में किए जाने वाले कामों का प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा। बैठक में न्यासी सदस्यों के सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद सीएम इसे लेकर सदस्यों को अमन में लाने के बारे में बताएंगे।
एजेंडे में जो काम प्राथमिकता में शामिल किए गए हैं, उसमें प्रसाद योजना के अंतर्गत अमरकंटक में काम कराए जाएंगे, साथ ही चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा पथ और अन्य प्रस्तावित काम किए जाएंगे। बृहस्पति कुंड के लिए तय काम होंगे। मंदाकिनी नदी के लिए चित्रकूट में घाटों का विकास कराया जाना है। इसकी डीपीआर और अन्य कार्यों को लेकर चर्चा की जाएगी, साथ ही लीला गुरुकुल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव भी शामिल है।
हालांकि, मंगलवार को चित्रकूट में बुलाई बैठक ब्यूरोक्रेसी की उदासीनता के चलते खटाई में पड़ सकती है। कारण- बैठक में शामिल होने कई अधिकारी चित्रकूट नहीं जा रहे हैं। ये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल होना चाहते हैं। ऐसे में चित्रकूट में बैठक के बाद स्थानीय व्यवस्थाओं और परिस्थितियों का निरीक्षण नहीं हो सकेगा। उधर, सतना जिला प्रशासन मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर व्यवस्थाओं में जुटा है।