22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर भोपाल की ह्यडमरू टीमह्ण को बुलाया गया है। 108 सदस्यीय डमरू टीम 20 जनवरी को ही अयोध्या पहुंच जाएगी। ये डमरू के माध्यम से भगवान राम की स्तुति करेंगे। देश की इकलौती डमरू टीम है, जिसे बुलाया गया है। समाज सेवी प्रमोद नेमा ने बताया, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या से भोपाल की श्री बाबा बटेश्वर कीर्तन समिति को आमंत्रित किया गया है। टीम के रहने-खाने की व्यवस्था नागेश्वर नाथ मंदिर के पास की गई है। इन कलाकारों के मूवमेंट के लिए एक पदाधिकारी संजय शुक्ला को नियुक्त किया गया है। टीम अलग अंदाज में झांझ-मंजीरे डमरू, नगाड़े से पूरा माहौल राममय करने में माहिर है। टीम का नेतृत्व अर्जुन सोनी करेंगे।
राम की पेड़ी से होगी शुरूआत- डमरू टीम की पहली प्रस्तुति 21 जनवरी को राम की पेड़ी, तुलसी उद्यान, छोटी देवलकाली, अशर्फी भवन रोड के तिराहे पर होगी। 22 जनवरी को राम जन्म भूमि पथ पर प्रस्तुति होगी।
यहां से पुष्पक विमान भी जा रहा- अर्जुन सोनी ने बताया, वाद्ययंत्रों के साथ भोपाल से हंस रूपी पुष्पक विमान की झांकी तैयार की जा रही है।
30 डमरू, सिर्फ 1 को शृंगी में महारत
30 कलाकारों को डमरू और एक को शृंगी बजाने में महारत है। यह शृंगी हिमालय के तराई से मंगाई गई है। श्रृंगी वाद्य हिमालय के विशेष प्रजाति के मेढ़ा (भेड़) के सींग से बनाई जाती है। इसके अलावा वाद्य यंत्रों में 35 शंख, 30 डमरू, 35 झांझ-मंजीरे, 1 पुनेरी ढोल, 60 इंच का 1 नगाड़ा, 1 थाल घंटा, 4 छोटे ढोल, 4 डंडों में पिरोए हुए 2000 हजार घुंघरू शामिल हैं। डमरू टीम में 10 बीसीए, एमबीए कलाकार हैं।