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बीआरसी आॅफिस में धूल खा रही पहलीसे आठवीं तक की हजारों किताबें

अगले दो महीनों में स्कूलों में परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, वहीं राज्य शिक्षा केंद्र से आई पहली से आठवीं तक की हजारों किताबें सुभाष नगर स्थित बीआरसी आॅफिस में धूल खा रही हैं। ये किताबें शहर के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में वितरित की जाना थीं, लेकिन यहीं पड़ी हुई हैं। कुछ बंडलों की तो सील भी नहीं टूटी है, ऐसे ही बंधे हुए हैं।
किताबों के साथ ही अन्य सामग्री भी ऐसे ही पड़ी हुई है। हर साल 70-80 हजार किताबें प्रत्येक बीआरसी आॅफिस पर बांटने के लिए भेजी जाती हैं। स्कूलों में बिना किताबों के कैसे पढ़ाई हो रही होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं जिम्मेदार कोटे के अनुसार किताब पहुंचाने की बात कह रहे हैं।
मार्च में होना हैं परीक्षाएं
मार्च में पहली से 8वीं तक की परीक्षाएं होंगी। 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की जाएंगी। ऐसे में यदि किताबों का आवंटन अभी तक बच्चों को नहीं किया गया है तो उनकी पढ़ाई कैसे कराई जा रही होगी।
सर्वशिक्षा अभियान के
तहत भेजा गया था सामान
सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर साल शासन द्वारा स्कूली बच्चों को बांटने के लिए किताबें और अन्य पढ़ाई की सामग्री बीआरसी कार्यालयों पर भेजी जाती है। यहां से स्कूलों में पहुंचाकर उनका वितरण किया जाता है। बीआरसी कार्यालय के कमरों में किताबें जमीन पर बंडलों में बंधी मिली।
बांटने के बाद बची हुई किताबें हैं, 10% कोटा रखने का आदेश है
बीआरसी राजेंद्र तंवर ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र से आने वाली किताबें बांटने के बाद बच जाती हैं तो उसका 10 प्रतिशत कोटा रखने का प्रावधान है।
हमारे पास केवल 2 प्रतिशत कोटा शेष है। हर स्कूल में पिछले साल की संख्या के आधार पर किताबें भेजी जाती हैं।
यदि छात्रों की संख्या कम होती है तो वह किताब कार्यालय में रख ली जाती हैं और उसकी रिपोर्ट आरएसके को भेज दी जाती है।

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