प्रत्येक टीएल बैठक में रोस्टर अनुसार एसडीएम एवं विभागीय अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रवार एवं विभागीय दायित्वों के तहत सप्ताहभर किए गए कार्यों, समीक्षा एवं भ्रमण के संबंध में प्रजेंटेशन देंगे। भ्रमण एवं इंस्पेक्शन के दौरान पाई गई कमियों और उस संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से दी जाएगी। आगे आने वाले समय में एक एप भी निर्मित किया जाएगा, जिसमें यह जानकारी जिओ टैगिंग/टाइम स्टंपिंग के माध्यम से दी जा सकेगी। यह निर्देश नवागत कलेक्टर आशीष सिंह ने टीएल बैठक में दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर निशा डामोर, सपना लोवंशी, राजेन्द्र रघुवंशी, रोशन राय सहित सभी एसडीएम एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला उद्योग केंद्र अधिकारी को निर्देश दिए कि स्वरोजगार योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में हितग्राहियों का चयन कर उन्हें पंचायत स्तर पर लघु उद्योग स्थापित करने के लिए बढ़ावा दिया जाए। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को बताया कि उच्च न्यायालय में मेडिएशन के माध्यम से कई मामलों का निराकरण किया जा रहा है। इसी तर्ज पर राजस्व मामले, भरण-पोषण संबंधित मामले तथा अन्य विषयों पर भी मेडिएशन के माध्यम से उनका निराकरण किया जा सकता है। इसके लिए सभी राजस्व अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही ऐसे राजस्व अधिकारी जो सेवा सेवानिवृत्त हैं और इस अभियान में जुड़ना चाहते हैं, उनको भी प्रशिक्षण देकर मेडिएशन का कार्य कराया जा सकता है।
नदी प्रदूषण के प्रति प्रशासन अपनाएगा जीरो टॉलरेंस- कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप नदियों को प्रदूषित करने वाले उद्योगों के प्रति प्रशासन जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी उद्योग जो अपशिष्ट पदार्थ बिना किसी उपचार के सीधे नदियों में प्रवाहित कर रहे हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।